Charlie Munger Death: आज ग्लोबल वित्तीय जगह को एक बड़ा झटका लगा है. दिग्गज निवेशक और अरबपति वारेन बफे के सबसे भरोसेमंद साथी चार्ली मंगर नहीं रहे. उनका 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया. चार्ली मंगर के निधन की पुष्टि बर्कशायर हैथवे ने एक प्रेस रिलीज के जरिए की है. कंपनी से दी गई जानकारी के मुताबिक चार्ली मंगर की मृत्यु कैलिफोर्निया के एक अस्पताल में हुई है. आने वाली 1 जनवरी को चार्ली अपना 100वां जन्मदिन मनाने वाले थे.


बर्कशायर हैथवे की सफलता में चार्ली मंगर का बड़ा हाथ- वारेन बफे


चार्ली मंगर के निधन पर वारेन बफे ने दुख जताते हुए कहा कि बर्कशायर हैथवे की सफलता में चार्ली मंगर का बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है. वारेन बफे ने बर्कशायर हैथवे द्वारा जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा कि चार्ली मंगर की भागीदारी और सलाह के बिना बर्कशायर हैथवे इस मुकाम तक नहीं पहुंच सकता था. कंपनी को बड़ा बनाने में उनका बहुत महत्वपूर्ण रोल रहा जिसे हमेशा याद रखा जाएगा.


चार्ली मंगर की शुरुआती जीवन के बारे में जानें


1924 में अमेरिका में जन्मे मंगर ने हार्वर्ड लॉ स्कूल से ग्रेजुएशन किया था इसके बाद उन्होंने वित्तीय सेक्टर में एंट्री का मन बनाया. इसके बाद उन्होंने साल 1962 में वित्तीय लॉ फर्म Munger, Tolles & Olson की स्थापना की. बफे से मंगर की पहली मुलाकात साल 1959 में हुई थी. वित्तीय समझ ने दोनों को पार्टनर बना दिया. मंगर के पारिवारिक जीवन में उनकी छवि एक फैमिली मैन के रूप में थी. अपनी पत्नी Nancy Barry के साथ चार्ली मंगर 54 साल तक शादी के बंधन में बंधे रहे. साल 2010 में Nancy Barry की मृत्यु हुई थी. चार्ली मंगर की पहली शादी से तीन और दूसरी शादी से चार बच्चे हैं.


कितनी है चार्ली मंगर की नेट वर्थ


नेट वर्थ की बात करें तो साल 2023 में चार्ली मंगर की नेट वर्थ 2.3 बिलियन डॉलर के आसपास रही है. वह बर्कशायर हैथवे के वाइस प्रेसिडेंट पद के अलावा रियल एस्टेट के जाने माने वकील, कॉस्टको बोर्ड के सदस्य, डेली जर्नल कॉर्प के अध्यक्ष और एक बड़े परोपकारी के रूप में भी जाने जाते थे. वहीं दिग्गज निवेशक और कारोबारी वारेन बफे की नेट वर्थ 100 बिलियन डॉलर से अधिक है.


बर्कशायर हैथवे का बताया था फ्यूचर प्लान


साल 2021 में बर्कशायर हैथवे की सालाना बैठक के दौरान चार्ली मंगर ने कंपनी के भविष्य की प्लानिंग के बारे में बात करते हुए लीडरशिप में बदलाव के संकेत दिए थें. उन्होंने बफे के बाद कंपनी के वाइस चेयरमैन ग्रेग एबेल को कंपनी की कमान सौंपने की वकालत की थी. वारेन बफे मंगर को हमेशा से अपना भरोसेमंद सलाहकार मानते थें और उन्होंने बफे के निवेश के तरीके में बहुत से बदलाव किए थे.


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