Toll Plaza Fee Collection: राष्ट्रीय राजमार्गों पर पिछले कुछ सालों से यूजर्स टोल कलेक्शन में बड़ी बढ़ोतरी देखी गई है. 2019—20 में टोल प्लाजा से 28,482 करोड़ रुपये वसूले गए थे, जबकि 2021-22 में यह बढ़कर 34,742 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. वहीं 2020-21 के दौरान 28,681 करोड़ रुपये का टोल वसूला गया है. 


बुधवार को सदन में जानकारी दी गई है जानकारी के मुताबिक, 31 दिसंबर 2022 तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर यूजर्स टोल प्लाजा की कुल संख्या 847 है और नेशलन हाईवे अथोरिटी ऑफ इंडिया की ओर से जारी जारी किए गए फास्टैग की कुल संख्या 6.33 करोड़ है. 


फास्टैग ने कम किया टोल प्लाजा पर भीड़


सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया​ कि फास्टैग सिस्टम के लागू होने से शुल्क प्लाजा पर यातायात की भीड़ काफी कम हो गई है. इसके अलावा नेशनल हाईवेज पर किसी भी भीड़ को कम करने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. 


इन तकनीकों से कम हो रहा ट्रैफिक 


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS), वीडियो आधारित मल्टीलेन फ्री फ्लो सिस्टम लगाए गए हैं. ये सिस्टम वाहनों के भीड़ को कम करने और जाम जैसी समस्या को दूर कर रहे हैं. इसके अलावा भी NHAI तकनीकों की मदद से ट्रैफिक को कम करने पर फोकस कर रहा है. 


इस नियम के तहत वसूले जाते हैं टोल 


नेशनल हाईवेज टोल की वसूली और टैक्स नियमावली 2008 के तहत की जा रही है. इस नियमावली के तहत यूजर्स को टोल देना अनिवार्य है. सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं के मामले में रियायत अवधि के पूरा होने के बाद, केंद्र सरकार की ओर से 40 प्रतिशत की कम दरों पर यूजर्स टोल वसूल किया जाएगा. वहीं पब्लिक फंडेड प्रोजेक्ट के मामले में परियोजना की कैपिटल चार्ज की वसूली के बाद यूजर्स चार्ज रेट्स को घटाकर 40 प्रतिशत किया जाना है. 


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