RBI Decision on Loans: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज वित्त वर्ष 2023-24 की आखिरी मॉनिटरी पॉलिसी में रेपो रेट नहीं घटाया. हालांकि बैंकों के लिए एक ऐसा फैसला सुनाया जो इनसे रिटेल और एमसएमई लोन लेने वालों के तो सौगात बनेगा लेकिन बैंकों के मुनाफे पर इसका असर आ सकता है. 


आरबीआई ने दे दिया बैंकों को बड़ा आदेश


भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों के लिए सभी रिटेल और एमएसएमई को दिए जाने वाले कर्ज के लिए लैंडर्स को ब्याज और अन्य शर्तों समेत 'की फैक्ट स्टेटमेंट' (केएफएस) देना अनिवार्य करने का आज फैसला सुनाया. फिलहाल ये केएफएस कमर्शियल बैंकों के इंडीविजुएल लोन लेने वालों को दिए जाने वाले कर्ज के लिए, आरबीआई-विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा डिजिटल लोन और माइक्रो फाइनेंस लोन के लिए ही अनिवार्य है.


क्या है 'की फैक्ट स्टेटमेंट'


की फैक्ट स्टेटमेंट एक दस्तावेज़ है जो लोन देने की शर्तों को स्पष्ट रूप से समझाता है. इसमें एक सरल और समझने में आसान फॉरमेट में लोन एग्रीमेंट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी जाती है, इसमें लोन की पूरी कॉस्ट भी शामिल होती है जिसमें चार्जेज, कम्यूनिकेशन चार्ज, फीस आदि भी शामिल रहती हैं. बैंक जब ये ग्राहकों (कर्जधारकों) को देंगे तो उनके पता लग जाएगा कि उनकी ईएमआई में ब्याज कंपोनेंट कितना है और अन्य चार्जेज का कंपोनेंट कितना है. 


आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज किया ऐलान


आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक ने हाल ही में ग्राहकों पर लगाए गए लोन और अन्य शुल्कों के मूल्य निर्धारण में आरई द्वारा अधिक ट्रांसपेरेंसी और खुलासे को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की घोषणा की है.ऐसा ही एक उपाय यह है कि लैंडर को अपने कर्जधारकों को एक सरल और समझने में आसान प्रारूप में लोन समझौते के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी वाला एक केएफएस प्रदान करना होगा.


बैंकों के लोन के लिए फैसला लेने में कर्जधारकों को मिलेगी मदद


आरबीआई गवर्नर ने कहा, "सभी आरई के लिए सभी रिटेल और एमएसएमई लोनों के लिए कर्जधारकों को केएफएस प्रदान करना अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है." शक्तिकांत दास ने कहा कि सभी समावेशी ब्याज लागत सहित लोन समझौते की शर्तों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने से कर्जधारकों को सोच-समझकर फैसला करने बेहद मदद मिलेगी.


आज गिर गए बैंक स्टॉक्स


आरबीआई के इस फैसले के बाद सुबह जो बैंक स्टॉक्स चढ़ रहे थे वो पॉलिसी के ऐलानों के बाद गिर गए. दरअसल बैंकों को अब ज्यादा स्पष्ट जानकारी अपने ग्राहकों को देनी होगी जिससे उनके लोन महंगे हैं या सस्ते ये तुलना करना कर्जधारकों के लिए आसान हो जाएगा. इसके बाद लोन को लेकर कुछ शंकाएं देखी जा सकती हैं और इससे बैंक शेयरों को आज नुकसान हुआ. आज के सत्र में बैंकिंग स्टॉक्स में गिरावट के चलते निफ्टी बैंक इंडेक्स भारी गिरावट के साथ बंद हुआ है. 1.76 फीसदी की गिरावट के साथ निफ्टी बैंक 45012 पर बंद हुआ है. निफ्टी बैंक के 12 शेयरों में से 9 स्टॉक गिरावट के साथ क्लोज हुए. निजी बैंकों के शेयरों में ज्यादा गिरावट रही.


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