Taxation Laws (Amendment) Bill: रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स अब हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा. इससे जुड़ा The Taxation Laws (Amendment ) Bill, 2021 आज लोकसभा में पारित हो गया. बिल का मकसद भारतीय परिसम्पत्तियों के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण से होने वाले फायदे पर रेट्रोस्पेक्टिव (पूर्व प्रभावी) टैक्स को खत्म करना है. बिल को अब राज्यसभा में पारित करवाया जाएगा.


लोकसभा में गुरुवार को ही बिल पेश किया गया था. बिल के जरिए 1961 के इनकम टैक्स कानून और 2012 के वित्त कानून में बदलाव किया जा रहा है. संशोधन बिल का मकसद भारतीय परिसम्पत्तियों के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण से होने वाले फायदे पर रेट्रोस्पेक्टिव (पूर्व प्रभावी) टैक्स को खत्म करना है. यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2012 में इनकम टैक्स कानून, 1961 में बदलाव कर रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स का प्रावधान किया गया था. जिसे विदेशी निवेश के लिए एक बड़ी बाधा माना जा रहा था.


इन्हें मिलेगी राहत


संशोधन बिल पारित होने के बाद वोडाफोन और केयर्न्स जैसी कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी. इन कंपनियों पर 2012 के कानून के चलते बड़ी देनदारी थी. नए बिल से पुराने टैक्स विवाद हमेशा के लिए खत्म होने की उम्मीद है. संशोधन बिल में ये भी प्रावधान किया गया है कि 2012 में कानून में बदलाव के बाद भेजे गए सभी टैक्स डिमांड वापस ले लिए जाएंगे और उन्हें रद्द माना जाएगा. इतना ही नहीं, 2012 के कानून के तहत रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स की कोई नई डिमांड नहीं भेजी जाएगी.


हालांकि इसके लिए कंपनियों को कोर्ट में चल रहा विवाद वापस लेना होगा. विवाद से होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं की जाएगी और अगर सरकार पर किसी कंपनी का कोई रिफंड बनता है तो उस पर ब्याज नहीं दिया जाएगा. कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने सरकार के इस फैसले पर हमला बोला है. तिवारी ने कहा है कि सरकार ने फैसला करके देश की संप्रभुता से समझौता किया है.


उन्होंने कहा कि जो काम प्रणब मुखर्जी, पी चिदंबरम और यहां तक कि अरुण जेटली ने नहीं किया, वो काम मोदी सरकार ने किया. वहीं सरकार ने कहा कि उन्होंने पहले ही इसका वादा किया था. बिल में कहा गया है कि 2012 के कानून के तहत 17 मामलों में टैक्स की डिमांड भेजी जा चुकी है. संशोधन बिल को संसद के वर्तमान मानसून सत्र में ही पारित होने की संभावना है.



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