Stock Market News: अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की नीतिगत दरों पर आने वाली घोषणा से पहले घरेलू शेयर बाज़ार पर दबाव लगातार बढ़ता गया. मंगलवार को बैंकिंग और तेल कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली हावी रही, जिसके कारण बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुआ. सेंसेक्स 436 अंकों की भारी गिरावट के साथ करीब दो सप्ताह के निचले स्तर 84,666.28 पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह सूचकांक एक समय 719 अंकों तक टूट गया था. इसी तरह निफ्टी में भी कमजोरी दिखी और यह 120.90 अंक गिरकर 25,839.65 पर बंद हुआ. कारोबार के शुरुआती दौर में निफ्टी 25,728 के निचले स्तर तक फिसल गया था.
क्यों बाजार में गिरावट?
बाजार में गिरावट का सबसे ज़्यादा दबाव बड़े निजी बैंकों, तेल कंपनियों और आईटी शेयरों में देखने को मिला. सेंसेक्स के घटक शेयरों में एशियन पेंट्स, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा स्टील, मारुति सुजुकी, सन फार्मा, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, अल्ट्राटेक सीमेंट, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स के शेयरों में notable गिरावट रही. हालांकि इटर्नल, टाइटन, अदाणी पोर्ट्स, बीईएल, एसबीआई, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी और भारती एयरटेल के शेयरों में मजबूती देखने को मिली और ये बढ़त के साथ बंद हुए.
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार फेडरल रिज़र्व की घोषणा से पहले सतर्क रुख अपनाए हुए है. रुपये की कमजोरी, विदेशी निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते की अनिश्चितता ने निवेशकों की धारणा को कमजोर किया है. नायर के अनुसार आईटी शेयरों के दबाव में बाजार नीचे आया, जबकि पीएसयू बैंक, रियल्टी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में मजबूती दिखाई दी.
क्या बोले एक्सपर्ट्स?
लेमन मार्केट्स के विश्लेषक गौरव गर्ग ने बताया कि शेयर बाजारों में भारी गिरावट के बाद कुछ हद तक रिकवरी हुई. सेंसेक्स अपने निचले स्तर से लगभग 450 अंक उभरा और निफ्टी फिर से 25,900 के ऊपर आया. इसके बावजूद दोनों सूचकांक अंत में लाल निशान पर ही बंद हुए. मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में इसका असर कम दिखा. बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.60% बढ़ा, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स ने 1.27% की मज़बूत बढ़त दर्ज की.
सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो आईटी सेक्टर सबसे ज्यादा 1.18% टूटा. टेक्नोलॉजी और ऑटो सेक्टर में भी क्रमशः 0.72% और 0.63% की गिरावट रही. एशियाई बाजारों के संकेत भी कमजोर रहे. हांगकांग, चीन और दक्षिण कोरिया के बाजार गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि जापान का निक्की लाभ में रहा. यूरोपीय बाजारों में शुरुआती मजबूती थी, जबकि अमेरिकी बाजार सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे.
इस बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 655.59 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,542.49 करोड़ रुपये की खरीदारी की. वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में भी मामूली गिरावट आई और ब्रेंट क्रूड 0.27% गिरकर 62.33 डॉलर प्रति बैरल पर आया.
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