विवादास्पद हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) को आए पूरे एक महीने हो चुके हैं. अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से घरेलू शेयर बाजार में खासा उथल-पुथल का माहौल है. रिपोर्ट में निशाना बनाए जाने के बाद से अडानी समूह के शेयरों (Adani Group Stocks) की वैल्यू तेजी से गिरी है और इससे कई इन्वेस्टर्स को नुकसान हुआ है. इस बीच ऐसी खबरें हैं कि अडानी के स्टॉक्स में गिरावट (Adani Stocks Downfall) आने से सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) को भी नुकसान हुआ है. हालांकि यह पूरा सच नहीं है. कम से कम आंकड़े तो यही कहानी कहते हैं.


सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक है एलआईसी


आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Life Insurance Corporation of India) भारतीय बाजार में सबसे बड़ी घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) है. सरकारी बीमा कंपनी शेयर बाजार में पैसे लगाकर अपने शेयरहोल्डर्स (LIC Shareholders) और पॉलिसीहोल्डर्स (LIC Policyholders) के लिए वैल्यू क्रिएशन करती है. एलआईसी के पास अडानी समूह की भी कुछ कंपनियों के शेयर हैं.


इन कंपनियों में एलआईसी का निवेश


शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, एलआईसी के पास अडानी समूह की सात कंपनियों के शेयर हैं. इन कंपनियों में अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises), अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy), अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports and Special Economic Zone), अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas), अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission), अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) और एसीसी (ACC) शामिल हैं.


ऐसे कम हुई होल्डिंग की वैल्यू


अडानी के शेयरों में एलआईसी की होल्डिंग (LIC Adani Holding) की वैल्यू 31 दिसंबर 2022 को 82,970 करोड़ रुपये थी. अभी एलआईसी के पास अडानी समूह के जो शेयर हैं, उनकी वैल्यू करीब 29 हजार करोड़ रुपये है. इस तरह से देखें तो 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के नुकसान का हिसाब बैठता है. लेकिन सवाल उठता है कि क्या यह पूरी तस्वीर है?


एलआईसी ने लगाए थे इतने करोड़


अडानी समूह से जुड़े सूत्र कुछ अलग कहानी बयान करते हैं. जब एलआईसी ने अडानी समूह के शेयरों में इन्वेस्ट किया था, तब उनकी वैल्यू 30,127 करोड़ रुपये थी. यानी एलआईसी ने 30,127 करोड़ रुपये में अडानी के शेयरों को खरीदा था, जिसकी वैल्यू एक समय करीब 83 हजार करोड़ रुपये पहुंच गई थी. अभी इनकी वैल्यू 29 हजार करोड़ रुपये के आस-पास है, इस हिसाब से करीब 1000 करोड़ रुपये का नुकसान बैठता है. हालांकि अभी भी पूरी तस्वीर सामने नहीं आई है.


कुल मिलाकर एलआईसी को इतना लाभ


अडानी समूह से जुड़े सूत्र बताते हैं कि एलआईसी पहले ही अडानी समूह के शेयरों को बेचकर ठीक-ठाक मुनाफा कमा चुकी है. एलआईसी ने इन शेयरों की बिक्री करीब 6,450 करोड़ रुपये में की थी, जबकि इन शेयरों को उसने 3,100 करोड़ रुपये में खरीदा था. इस तरह एलआईसी ने तब करीब 3,350 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. इसका मतलब हुआ कि अडानी के शेयरों में गिरावट के बाद भी कुल मिलाकर एलआईसी अभी भी इस होल्डिंग से मुनाफे में ही है.


अब तक इतनी कम हुई है वैल्यू


हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी 2023 की अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर अकाउंटिंग में धोखाधड़ी और शेयरों के भाव में हेर-फेर करने जैसे आरोप लगाए थे. वहीं अडानी समूह का कहना है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं और खास एजेंडे से प्रेरित हैं. हिंडनबर्ग ने यह भी कहा था कि अडानी समूह के शेयर ओवरवैल्यूड हैं. रिपोर्ट के सामने आने के बाद से ही अडानी समूह के शेयरों में गिरावट का दौर जारी है. अडानी समूह के कुछ शेयरों में तो पिछले एक महीने के दौरान 80 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है.