Economic Crisis: श्रीलंका (Sri Lanka) में फैला आर्थिक संकट भारत के लिए अवसर बन सकता है. ग्लोबल चाय मार्केट (Tea Market) के प्रमुख कारोबारी देश श्रीलंका में बढ़ते आर्थिक संकट की वजह से भारत के चाय निर्यातकों (tea exporters) को नए अवसर मिल सकते है. श्रीलंका में इस समय चाय के उत्पादन और निर्यात में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है. चाय उद्योग से जुड़े जानकारों ने इस बारे में बताया है. 


30 करोड़ किलोग्राम चाय का करता है उत्पादन
रेटिंग एजेंसी इक्रा लिमिटेड के उपाध्यक्ष कौशिक दास ने कहा कि श्रीलंका सालाना लगभग 30 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन करता है और मुख्य रूप से यह देश एक पारंपरिक चाय उत्पादक है. श्रीलंका अपने सालाना चाय उत्पादन का लगभग 97-98 फीसदी हिस्सा निर्यात करता है.


किन देशों को किया जाता है निर्यात
उन्होंने कहा कि पारंपरिक चाय के ग्लोबल व्यापार में श्रीलंका की हिस्सेदारी लगभग 50 फीसदी है और इसका ज्यादातर निर्यात इराक, ईरान एवं संयुक्त अरब अमीरात जैसे पश्चिम एशियाई देशों तथा रूस एवं तुर्की के साथ लीबिया जैसे उत्तरी अफ्रीकी गंतव्यों को किया जाता है.


जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?
दास ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘श्रीलंका के चाय उत्पादन में अगर उल्लेखनीय गिरावट आती है तो इसका ग्लोबल बाजार पर असर पड़ेगा और भारतीय चाय निर्यातकों को इस कमी को पूरा करने का अवसर भी मिलेगा.’’ दास ने कहा, ‘‘भारत लगभग 11 करोड़ किलोग्राम पारंपरिक चाय का उत्पादन करता है और उसमें से 90 प्रतिशत निर्यात किया जाता है.'


आर्थिक संकट की वजह से परिचालन करना मुश्किल
आपको बता दें हाल ही में श्रीलंका के दौरे से लौटे दक्षिण भारत चाय निर्यातक संघ के अध्यक्ष दीपक शाह ने कहा कि श्रीलंका में बढ़ते आर्थिक संकट के साथ चाय कारखाने अपना परिचालन जारी रखने के लिए जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा परिदृश्य ‘भारतीय निर्यातकों के लिए बहुत बेहतर दिन’ मुहैया करा सकता है, खासकर अगर रूस के साथ व्यापार में सुधार होने के साथ रुपये-रूबल भुगतान व्यवस्था भी हो जाती है.


15 फीसदी की आ सकती है गिरावट
भारतीय चाय निर्यातक संघ के अध्यक्ष अंशुमान कनोरिया के मुताबिक, चाय उद्योग को उम्मीद है कि श्रीलंका की खराब आर्थिक स्थिति के कारण इस साल चाय की पैदावार में लगभग 15 फीसदी की गिरावट आ सकती है.


चाय के प्रमुख उत्पादक देश
पारंपरिक चाय के ग्लोबल मार्केट के बारे में बताते हुए कनोरिया ने कहा कि श्रीलंका के अलावा इस किस्म के चाय के अन्य प्रमुख उत्पादक देश चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया हैं. चीन शायद ही पारंपरिक किस्म का निर्यात करता है क्योंकि वह खुद बहुत अधिक मात्रा में इसकी खपत करता है.


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