Sovereign Gold Bond: केंद्र सरकार की तरफ से एक बार फिर सस्ते में सोना खरीदने का मौका दिया जा रहा है. यानी एक बार फिर सॉवरेन गोल्ड बॉल्ड (Sovereign Gold Bond) के जरिए आप बाजार रेट की तुलना में कम रेट पर सोना खरीदने का अवसर ले सकते हैं. आरबीआई की तरफ से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी किए जाते हैं जिनका प्राइस बाजार की तुलना में कम होता है.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम का आठवां और इस साल का आखिरी चरण शुरू हो चुका है. स्कीम के तहत आज यानी 29 नवंबर से 3 दिसंबर तक सोने की खरीदारी कर सकते हैं और ये ऑनलाइन खरीदने पर आपको और सस्ता मिल सकता है. इस आठवें चरण के लिए सोने का 4791 रुपये प्रति गाम का प्राइस तय किया गया है और अगर आप ऑनलाइन या डिजिटल तरीके से खरीदते हैं तो इस पर 50 रुपये का डिस्काउंट प्रति ग्राम पर और हासिल कर सकते हैं. यानी 10 ग्राम सोने के लिए आपका दाम 47910 रुपये की बजाए 47410 रुपये हो जाएगा. इस तरह सीधे तौर पर 10 ग्राम सोने की खरीद पर आपको 500 रुपये का फायदा मिल पाएगा.

कैसे होता है इस स्कीम के जरिए मिलता है सस्ता गोल्डसरकार बाजार भाव से कम पर सोना बेच रही है जैसे कि आज का सोने का दाम मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर देखें तो फरवरी वायदा 48177 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था और आपको ऑनलाइन खरीदने पर 47410 रुपये पर मिल रहा है तो आपको सीधे तौर पर 767 रुपये का फायदा प्रति 10 ग्राम सोने पर हो सकता है.

Sovereign Gold Bond के हैं फायदे ही फायदे- यहां जानें

  • इसे आरबीआई जारी करता है और इसकी सबसे अच्छी खासियत ये है कि जहां सोना सस्ते रूप में मिलता है वहीं इंवेस्टेड रकम पर 2.5 फीसदी का गारंटीड फिक्स्ड रिटर्न मिलता है जो हर छमाही यानी 6 महीने पर आपके अकाउंट में आता है. ये स्लैब के हिसाब से टैक्सेबल है. 
  • इसका एक फायदा और है कि आप एक वित्त वर्ष में 1 ग्राम से लेकर 4 किलो तक का सोने की वैल्यू के बराबर गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं. 
  • इसमें सोने की आम खरीदारी की तरह जीएसटी और मेकिंग चार्ज नहीं लगते हैं.
  • सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को स्टॉक एक्सचेंज में भी आसानी से बेचा जा सकता है.
  • फिजिकल गोल्ड की जगह इन बॉन्ड को रखने में सुरक्षित विकल्प मिलता है.

इसमें कैसे करें ऑनलाइन इंवेस्टएनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर गोल्ड बॉन्ड की यूनिट खरीदें और उसके मूल्य के बराबर का अमाउंट आपके डीमैट खाते से जुड़े अकाउंट से कट जाते हैं. 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शर्तइसमें 5 साल का लॉकइन पीरीयड होता है और ये 8 साल बाद मैच्योर होते हैं. अगर आप 5 साल के बाद ही इन्हें बेचना चाहते हैं तो आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के हिसाब से 20.80 फीसदी चार्ज देना होगा. अगर 8 साल तक रखते हैं और बॉन्ड मैच्योर हो जाते हैं तो आपको इनके बेचने पर मिले लाभ पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. 

कैसे कर सकते हैं इसमें इंवेस्टRBI ने बैंक की ब्रांचेज, पोस्ट ऑफिस, स्टॉक एक्सचेंज और स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SHCIL) के जरिए इसमें इंवेस्ट करने का ऑप्शन दिया है. आपको अगर ऑफलाइन खरीदना है तो इन जगहों पर जाकर इंवेस्ट कर सकते हैं.

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