Nominee Rules: निवेश हमारे जीवन को बेहतर बनाने और बुरी परिस्थितियों में भी खर्चों का बोझ संभालने के लिए किया जाता है. निवेश की यह अच्छी आदत ही हम भारतीयों को आर्थिक मंदी जैसे कठिन समय में संभाले रही और हमारे परिजनों को आर्थिक सुरक्षा का एहसास कराती रही. मगर, हमें निवेश करते समय उससे जुड़े सारे नियमों की सही एवं उचित जानकारी होना बेहद जरूरी है. इन्हीं में से एक बेहद जरुरी नियम निवेश के नॉमिनी से जुड़ा हुआ है. हाल ही में SEBI ने निवेशक की मृत्यु की स्थिति में दी जाने वाली सूचना से संबंधित नियमों में बदलाव किये हैं, जो कि 01 जनवरी, 2024 से लागू हो जायेंगे. इन KYC नियमों को जान लेना आप सभी के लिये बेहद आवश्यक है.


सूचना और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया बनेगी आसान


SEBI ने निवेशक की मृत्यु की सूचना और उसके वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नियमों में बदलाव किया है. इसके तहत जॉइंट अकाउंट होल्डर, नॉमिनी, कानूनी सलाहकार या परिजन द्वारा मृत्यु प्रमाणपत्र और PAN नंबर प्राप्त होने के एक दिन बाद ऑनलाइन या ऑफलाइन वेरिफिकेशन करना होगा. इसके बाद नॉमिनी के पहचान पत्र की कॉपी, मृतक से संबंध और कांटेक्ट डिटेल्स देने होंगे. यदि मृत्यु की सूचना के उपरांत किसी कारणवश सभी जरुरी दस्तावेज नहीं मिल पाते हैं तो निवेशक के KYC स्टेटस को On Hold करना होगा.


ज्वाइंट अकाउंट होने की स्थिति में क्या होगा


KYC में बदलाव की सूचना कंपनी को देनी होगी और सभी दस्तावेज अपलोड करने होंगे. साथ ही मृतक अकाउंट या पोर्टफोलियो से डेबिट की सुविधा बंद करनी होगी. ज्वाइंट अकाउंट होने की स्थिति में अकाउंट चालू रहेगा.


कंपनियों को क्या करना होगा


सिस्टम में आए दस्तावेज की जांच प्रक्रिया शुरू करनी होगी. साथ ही निवेशक से जुड़े लोगों से इस संबंध में जानकारी जुटानी होगी. मृत्यु प्रमाणपत्र की जांच हो जाने के बाद कंपनी को अकाउंट पूरी तरह से बंद करना होगा और इसकी जानकारी सभी पक्षों को देनी होगी. यदि कागजों में कोई कमी पाई जाती है तो KYC में बदलाव कर इसकी जानकारी मृतक से संबंधित लोगों को देनी होगी. 


मृतक के संबंधियों को क्या करना होगा


KYC पूर्ण होने की सूचना मिलने पर उन्हें मृतक के खाते से जुड़ा कोई भी लेन-देन नहीं करना होगा. यदि KYC स्टेटस होल्ड पर बताया गया है तो उन्हें मांगे गए अन्य दस्तावेज मुहैया कराने होंगे. 


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