SEBI Rules And Regulations For Trading: देश में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (Securities and Exchange Board of India-SEBI) ने आज बड़ा एक्शन लिया है. सेबी ने म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) यूनिट की खरीद-बिक्री को इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के दायरे में लाने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए है. इस समय इनसाइडर ट्रेडिंग संबंधी नियम (Insider Trading Rules) सूचीबद्ध कंपनियों की सिक्योरिटीज के मामले में लागू होते हैं. इसके अलावा लिस्टेड होने के लिए प्रस्तावित कंपनियों पर ये नियम लागू हो गए है.


क्या है बदलाव की वजह 


आपको बता दें कि अब तक म्यूचुअल फंड यूनिटों (Mutual Fund Units)को सिक्योरिटीज की परिभाषा से बाहर रखा गया था. सेबी का ताजा फैसला फ्रैंकलिन टेम्पलटन (Franklin Templeton) मामले के बाद आया है, जिसमें फंड हाउस के कुछ अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने 6 लोन स्कीम पर रोक लगाए जाने से पहले ही उन योजनाओं में अपनी हिस्सेदारी को भुनाया गया था.


सेबी ने क्या कहा 


सेबी ने एक अधिसूचना में कहा कि, ''कोई भी अंदरूनी सूत्र किसी अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी से परिचित होने की स्थिति में म्यूचुअल फंड की ऐसी किसी योजना की इकाइयों में लेनदेन नहीं करेगा, जिसके शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (Net Asset Value) पर उस जानकारी के कारण प्रभाव पड़ सकता है.


क्या है नए नियम 


नए नियमों के तहत एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMC) को अपनी म्यूचुअल फंड यूनिट में एएमसी, ट्रस्टियों और उनके करीबी रिश्तेदारों की हिस्सेदारी का खुलासा करना होगा. साथ ही एएमसी का अनुपालन अधिकारी समापन अवधि निर्धारित करेगा, जिस दौरान नामित व्यक्ति म्यूचुअल फंड की इकाइयों में लेन-देन नहीं कर सकता है. इसे प्रभावी बनाने के लिए सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों में संशोधन किया है, जो अब प्रभावी हो गए है.


ये भी पढ़ें- Indian Economy: आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा, 'भारत 9 प्रतिशत की ग्रोथ रेट हासिल करने में सक्षम'