पिछले 2-3 सालों के दौरान भारतीय बाजार में दनादन आईपीओ लॉन्च हुए हैं. शेयर बाजार के सुधरे माहौल और लगातार जा रही रैली का फायदा उठाकर न सिर्फ बड़ी कंपनियां, बल्कि एसएमई यानी छोटी कंपनियां भी इश्यू लेकर आ रही हैं. इस बीच बाजार नियामक ने बीते दिनों आईपीओ लाने वाली एक छोटी कंपनी के ऊपर बड़ी कार्रवाई की है, जो बाकियों के लिए सबक का काम कर सकता है.


कंपनी और एमडी पर एक्शन


बाजार नियामक सेबी ने यह कार्रवाई वैरेनियम क्लाउड नाम की कंपनी के ऊपर की है. इस कार्रवाई में कंपनी के ऊपर सिक्योरिटीज मार्केट में बैन लगा दिया गया है. वैरेनियम क्लाउड के शेयर एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड हैं. सेबी के एक्शन के बाद न तो कंपनी वैरेनियम क्लाउड और न ही उसके प्रबंध निदेशक अगले नोटिस तक सिक्योरिटी बाजार को एक्सेस कर सकते हैं.


क्या कहता है सेबी का ऑर्डर?


सेबी ने यह एक्शन आईपीओ के जरिए जुटाए गए फंड का दुरुपयोग करने के चलते लिया है. सेबी के आदेश में कहा गया है कि कंपनी ने आईपीओ और उसके बाद आए एक अन्य ऑफर से जुटाए गए पैसों का सही इस्तेमाल नहीं किया. कंपनी ने ऑफर डॉक्यूमेंट में जिन उद्देश्यों पर फंड के इस्तेमाल की बात कही थी, वास्तव में उसने अन्य काम में पैसों का इस्तेमाल कर लिया था. आदेश के अनुसार, कंपनी के प्रमोटर ने आईपीओ से जुटाए गए फंड के एक हिस्से को बीएम ट्रेडर्स नाम की एक कंपनी में ट्रांसफर कर दिया. उन पैसों का इस्तेमाल किस काम में किया गया, यह जानकारी मालूम नहीं चल पाई है.


एमडी के ऊपर लगी ये रोक


सेबी ने वैरेनियम क्लाउड के प्रबंध निदेशक के ऊपर सिक्योरिटी मार्केट से प्रतिबंध के अलावा भी एक्शन लिया है. बाजार नियामक ने कंपनी के एमडी को किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या उसकी सब्सिडयरी कंपनियों में डाइरेक्टर बनने या अहम प्रबंधकीय पद संभालने से भी रोक दिया है.


डेढ़ साल पहले आया था आईपीओ


वैरेनियम क्लाउड का आईपीओ सितंबर 2022 में लॉन्च हुआ था. कंपनी के आईपीओ का साइज 36.60 करोड़ रुपये था. आईपीओ में कंपनी ने 122 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया था. शेयरों के भाव में उसके बाद लगातार तेजी देखी जा रही थी और पिछले साल अक्टूबर में भाव 239.9 रुपये के ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया था. हालांकि उसके बाद भाव में जबरदस्त गिरावट देखी गई है और अभी एक शेयर सिर्फ 42 रुपये का रह गया है.


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