RBI Record Dividend: लोकसभा चुनावों के बाद 4 जून 2024 को देश में नई सरकार बनने वाली है. और जो भी सरकार सत्ता में आएगी उसके आने से पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक ने आने वाली सरकार को ऐसा तोहफा दे दिया है कि उसकी बांछे खिल जाएगी. बुधवार 22 मई, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में सेंट्रल बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये डिविडेंड देने पर अपनी मुहर लगा दी है जो कि अब तक का सर्वाधिक है. 


ग्लोबल अनिश्चितता का RBI ने किया बेहतर इस्तेमाल


देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने इसे लेकर रिसर्च नोट जारी किया है. जिसमें कहा गया कि, सरकार को दिया जाने वाला इतना ज्यादा डिविडेंड इस बात की तस्दीक कर रहा है कि आरबीआई ने वैश्विक अनिश्चितता के इस दौर में उतार चढ़ाव का अपने पक्ष में शानदार तरीके से इस्तेमाल किया है. आरबीआई के इस फैसले का शेयर बाजार ने भी गुरुवार के कारोबारी सत्र में जोरदार तेजी के साथ स्वागत किया है. बेंचमार्क यील्ड 7 फीसदी से नीचे जा फिसला है. ये माना जा रहा कि आरबीआई के इस फैसले के चलते राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) में मौजूदा वर्ष में 30 से 40 बेसिस प्वाइंट की कमी आ सकती है जो कि 2024-25 के लिए अतरिंम बजट में जीडीपी का 5.1 फीसदी का लक्ष्य रखा गया है. 


बिमल जालान कमिटी ने सौंपी थी सिफारिश 


एसबीआई रिसर्च ने आरबीआई के सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड देने के पीछे तर्क दिया है कि ये बिमल जालान कमिटी की सिफारिशों के आधार पर दिया गया है. 26 अगस्त 2019 को इकोमॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क स्वीकार किया गया था और उसी के आधार पर सरप्लस रकम ट्रांसफर करने का फैसला किया गया है. वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले आरबीआई ने 141 फीसदी ज्यादा डिविडेंड सरकार को देने का फैसला किया है जब उस वर्ष 87,416 करोड़ रुपये सरकार को डिविडेंड दिया गया था.  


2023-24 में फॉरेक्स होल्डिंग से RBI की बढ़ी कमाई


एसबीआई के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक को फॉरेक्स होल्डिंग से वित्त वर्ष 2023-24 में जोरदार इनकम होने का अुमान है. यही वजह है कि सरकार को इतना ज्यादा डिविडेंड देने का फैसला लिया गया है. वित्त वर्ष 2021-22 में आरबीआई को 1.6 लाख करोड़ रुपये का इनकम हुआ था. 2022-23 में 2.35 लाख करोड़ रुपये और 2023-24 में 3.75 लाख करोड़ से लेकर 4 लाख करोड़ रुपये के बीच आरबीआई को इनकम होने का अनुमान है. विदेशी निवेश से आरबीआई की आमदनी बढ़ी है. 60 से 70 फीसदी रेवेन्यू विदेशी निवेश से आने का अनुमान है. एसबीआई रिसर्च के मुताबिक इससे स्पष्ट है कि वैश्विक बाजारों में तनाव का आरबीआई ने भरपूर फायदा हुआ है. 


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