Budget 2022: देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) के अर्थशास्त्रियों ने सरकार से बजट में महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन जारी रखने और राजकोषीय मजबूती पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देने का आग्रह किया है. उनका कहना है कि पुनरुद्धार को सतत बनाने के लिये अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करने को लेकर और उपाय करने की अभी जरूरत है.


बुधवार को SBI की बजट पूर्व रिपोर्ट की गई पेश
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्यकांति घोष ने बुधवार को बजट पूर्व एक रिपोर्ट में कहा कि नये वित्त वर्ष की शुरुआत का बेहतर तरीका मौजूदा वित्त वर्ष में एलआईसी की शेयर बिक्री को पूरा करना होगा. यह काफी अधिक दबाव वाले बही-खाते को दुरुस्त करने में मददगार होगा. इससे वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा 6.3 फीसदी के निचले स्तर पर लाने में मदद मिलेगी, क्योंकि नये वित्त वर्ष की शुरुआत सरकारी खजाने में कम-से-कम तीन लाख करोड़ रुपये के कैश सरप्लस के साथ होगी.


बजट में रोजकोषीय घाटे को 0.4 फीसदी से ज्यादा घटाने पर जोर न दिया जाए
सौम्यकांति घोष ने कहा कि बजट में राजकोषीय घाटे को 0.3 से 0.4 फीसदी से अधिक की कमी पर ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि अर्थव्यवस्था के ज्यादातर क्षेत्रों को अभी भी समर्थन की जरूरत है. घोष ने कहा कि बजट में राजकोषीय मजबूती पर धीरे-धीरे कदम बढ़ाने की व्यवस्था होनी चाहिए. वित्त वर्ष 2022-23 के लिये चालू वित्त वर्ष के मुकाबले राजकोषीय घाटे में कमी 0.3 से 0.4 फीसदी तक सीमित रहनी चाहिए.


प्रॉपर्टी टैक्स या दूसरे टैक्स लगाने पर किया आगाह
सौम्यकांति घोष ने इस समय प्रॉपर्टी टैक्स या अन्य टैक्स लगाए जाने को लेकर भी आगाह करते हुए कहा कि अगर ऐसा होता है, इससे फायदे के बजाय नुकसान ज्यादा होगा.


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