India Housing Market: 2023 की पहली छमाही में देश में अफोर्डेबल हाउसिंग से ज्यादा 50 लाख रुपये से ज्यादा कीमत वाले मिड-सेगमेंट हाउसिंग की सेल्स देखने को मिली है. एक रिपोर्ट के मुताबिक घरों की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद मिड-सेगमेंट हाउसिंग की सेल्स में उछाल देखने को मिला है. इस अवधि में प्रीमियम हाउसिंग यानि महंगे घरों के सेल्स में भी इजाफा देखने को मिला है. 


घट रही अफोर्डेबल हाउसिंग की सेल्स


प्रॉपर्टी कसंलटेंट नाइट फ्रैंक (Knight Frank) ने  इंडिया रियेल एस्टेट -रेसिडेंशियल एंड ऑफिस मार्केट जनवरी - जून 2023 रिपोर्ट जारी किया है.  रिपोर्ट के मुताबिक 50 लाख रुपये से कम कीमतों वाले घरों की सेल्स की हिस्सेदारी 2020 की दूसरी छमाही में 43 फीसदी से घटकर 2023 की पहली तिमाही में 32 फीसदी पर आ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान अफोर्डेबल सेगमेंट के घरों की सेल्स घटती रही है इसके बावजूद 2022 की पहली छमाही तक वॉल्यूम के लिहाज से इस सेगमेंट की घरों की सेल्स सबसे ज्यादा देखी जा रही थी. लेकिन 2022 की दूसरी और 2023 की पहली छमाही लगातार दूसरी ऐसी छमाही है जब अफोर्डेबल घरों से ज्यादा मिड-सेगमेंट के घरों की सेल्स देखने को मिली है. 


9% बढ़ी 1 करोड़ से ज्यादा कीमत वाले घरों की सेल्स 


नाइट फ्रैंक की इस रिपोर्ट के मुताबिक इसी अवधि के दौरान  50 लाख से 1 करोड़ रुपये कीमत वाले मिड-सेगमेंट के घरों की सालाना सेल्स की हिस्सेदारी 36 फीसदी से बढ़कर 38 फीसदी हो गई. जबकि 1 करोड़ रुपये वाले घरों की सेल्स की हिस्सेदारी 21 फीसदी से बढ़कर 30 फीसदी पर आ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक कोविड महामारी का उच्च आय वर्ग पर वैसा असर नहीं देखा गया जैसा अनुमान जताया जा रहा था. बल्कि कमजोर सेंटीमेंट की वजह हाई सेविंग रेट और लॉकडाउन ने घरों की डिमांड को गति देने में निर्णायक भूमिका अदा की है. 


हाउसिंग डिमांड महंगे कर्ज से बेअसर 


नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 की पहली तिमाही सेल्स वॉल्यूम स्थिर बना हुआ है लेकिन देश के आठ बड़े शहरों में घरों की कीमतों में 2 से लेकर 10 फीसदी तक का उछाल देखने को मिला है. जिसमें मुंबई में 6 फीसदी और दिल्ली बेंगलुरू में 5 फीसदी कीमतें बढ़ी है. रिपोर्ट में कहा गया कि होम लोन के ब्याज दरों में उछाल के बावजूद रेसिडेंशियल मार्केट में डिमांड में तेजी देखी जा रही है.   


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