Sawan Month 2023: सावन (Sawan) का पवित्र महीना शुरू हो चुका है. इस दौरान घर घर में भगवान शिव (lord shiva)की पूजा औऱ आराधना होती है, क्योंकि कहा जाता है कि सावन का महीना भगवान शिव को काफी प्रिय है. इस माह में कांवरिए कांवर यात्रा लेकर निकलते हैं और शिवरात्रि को शिवलिंग पर जल चढ़ता है. इस दौरान शिव मंदिरों में काफी भीड़ होती है. शिव मंदिरों (shiva mandir)की बात करें तो शिव मंदिर केवल भारत ही नहीं विदेशों में भी भक्तों की आराधना का केंद्र बने हुए हैं. विदेशों में कई ऐसे पुरातन और ऐतिहासिक मंदिर हैं जहां दर्शन मात्र से भक्तों की अभिलाषा पूरी हो जाती है. चलिए आज जानते हैं कि किन किन देशों में बड़े शिव मंदिर हैं जहां पूरे साल भक्त भगवान शिव के दर्शन हेतू पहुंचते हैं. 

 

इंडोनेशिया  (Prambanan Temple of Indonesia) 

इंडोनेशिया में केवल भगवान राम ही नहीं बल्कि शिव भगवान की भी काफी पूजा होती है. यहां बहुत भारी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग रहते हैं औऱ यहां का प्रमबनन मंदिर खासतौर पर भगवान शिव को समर्पित है. जावा में स्थित ये मंदिर बहुत विशाल है और इसकी काफी मान्यता है. अब इस मंदिर को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में भी जाना जाता है. इस मंदि की खासियत इसका सबसे बड़ा कॉरिडोर है जिसमें करीब 240 छोटे बड़े मंदिर बने हुए हैं.
  

 

श्रीलंका का मुन्नेस्वरम मंदिर (Munneswaram Temple of sri lanka)

 भारत और श्रीलंका का संबंध तो पुराणों में भी बताया गया है. श्रीलंका के मुन्नेस्वरम मंदिर में भक्तों की काफी आस्था है. कहा जाता है कि ये मंदिर श्रीलंकाई तट पर बना है और इसे रामायण काल में बनाया गया था. मान्यता है कि रावण से युद्ध करने से पहले भगवान श्री राम ने यहीं पर भगवान शिव की उपासना की थी.

 

नेपाल का पशुपथिनाथ मंदिर (Pashupatinath Temple of Nepal)

नेपाल एक हिंदू राष्ट्र होने के साथ साथ ढेर सारे मंदिरों के लिए भी जाना जाता है. यहां का पशुपतिनाथ मंदिर दुनिया भर में विख्यात है. राजधानी काठमांडू में बना विशाल पशुपतिनाथ मंदिर का इतिहास पांडव काल से जुड़ा है. यहां भगवान शिव का एक विशाल प्रतिमा है और आस पास काफी खूबसूरत मंदिर परिसर है. यहां हर रोज हजारों सैलानी औऱ श्रद्धालू भगवान शिव की इस प्रतिमा के दर्शन करने आते हैं. 

 

पाकिस्तान का कटासराज मंदिर (katas Raz Temple of Pakistan)

अब मंदिरों की बात करें और पाकिस्तान का नाम ना आए, ऐसा हो नहीं सकता. हालांकि पाकिस्तान में कम ही मंदिर बचे हैं लेकिन भगवान शिव को समर्पित  कटासराज मंदिर की बात ही कुछ और है. नौ सौ साल पुराने इस मंदिर का संबंध पांडवकाल से बताया जाता है. मान्यता है कि यही वो स्थान है जहां भगवान शिव के अपमान पर माता सती ने खुद को यज्ञ में कूद कर भस्म कर दिया था. यहीं पर भगवान शिव के आंसू गिरे और उस जगह पर एक अमृत सरोवर भी बन गया. हर साल सावन के महीने में हिंदू समुदाय के लोगों की यहां काफी भीड़ रहती है.

 

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