Foreign Investment In India: भारत में विदेशी कंपनियां (Foreign Companies) अपने निवेश (Investment) को लेकर काफी तेजी के साथ काम कर रही है. कई बड़ी कंपनियों को अन्य देशों की तुलना में भारत में निवेश करना ज्यादा अच्छा लगा रहा है. उन्हें यहां निवेश से शानदार मुनाफा भी मिल रहा है. जिसके कारण दुनियाभर की कई कंपनियों को भारत से खास उम्मीदें है. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बाद इन कंपनियों को भारत की उत्पादन क्षमता और यहां के कुशल कारीगरों पर भरोसा बन गया है. अब देश में एक और विदेशी कंपनी अपना निवेश करने की योजना में है. इस बात का खुलासा खुद कंपनी के सीईओ ने किया है. जानिए कितना होगा निवेश..


3,600 करोड़ का निवेश करेगी कंपनी 


वियना की कंपनी आरएचआई मैग्नेसिटा (RHI Magnesita) भारत में अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने और संयंत्रों के आधुनिकीकरण के लिए अगले 2 से 3 साल में 3,600 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, स्टीफन बोरगस (CEO Stefan Borgas) ने इस बात की जानकारी दी है. 


2 रिफ्रैक्टरी संपत्तियों का किया अधिग्रहण 


स्टीफन बोरगस का कहना है कि कंपनी ने 3,600 करोड़ रुपये के कैपिटल एक्सपेंडिचर के एक हिस्से का इस्तेमाल भारत में दो रिफ्रैक्टरी संपत्तियों के अधिग्रहण में किया गया है. सीईओ ने कहा कि, हमने भारत में निवेश के लिए 3,600 करोड़ रुपये रखे है. भारत में इस राशि का इस्तेमाल अधिग्रहण और पुरानी सुविधाओं की क्षमता बढ़ाने पर किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि, यह निवेश कंपनी अपनी सब्सिडियरी आरएचआई मैग्नेसिटा इंडिया लिमिटेड के जरिये करेगी.


स्टील, सीमेंट की आपूर्ति 


आरएचआई मैग्नेसिटा इंडिया इस्पात (Steel), सीमेंट (Cement), गैर-लौह धातु (Non-Ferrous Metals) और कांच (Glass) कारोबार के लिए रिफ्रैक्टरी उत्पादों, प्रणालियों और समाधानों का विनिर्माण और आपूर्ति करेगी. मालूम हो कि ये कंपनी 1,708 करोड़ रुपये डालमिया ओसीएल (Dalmia OCL) और 621 करोड़ रुपये में हाई-टेक केमिकल्स के रिफ्रैक्टरी कारोबार का अधिग्रहण पूरा कर चुकी है. उन्होंने कहा कि कंपनी की रिफ्रैक्टरी निर्माण क्षमता 5 लाख टन प्रति वर्ष (LTPA) है, जिसमें से 1.5 एलटीपीए अप्रयुक्त क्षमता भारतीय बाजार की अतिरिक्त आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए होगी है. RHI मैग्नेसिटा का इतिहास लगभग 200 साल पुरानी कंपनी है, इसकी शुरुआत वर्ष 1834 में हुई थी.


ये भी पढ़ें-


Sun Pharma ने मेडिकल सेक्टर की दो बड़ी कंपनियों में खरीदी हिस्सेदारी, जानिए कितने में हुआ सौदा