Adani Group Stocks Update: हिंडनबर्ग रिसर्च के अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ जारी रिपोर्ट के बाद स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली थी. अडानी समूह के कुछ स्टॉक 85 फीसदी तक नीचे जा फिसले थे. पर आप क्या जानते हैं अडानी समूह के शेयरों में गिरावट का रिटेल निवेशकों ने भरपूर फायदा उठाया है. अडानी समूह के शेयरों में गिरावट के दौरान रिटेल निवेशकों ने समूह के लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में जमकर निवेश किया है. 


रिटेल निवेशकों ने अडानी समूह के 8 कंपनियों में बढ़ाई हिस्सेदारी 


डाटा के मुताबिक रिटेल निवेशकों ने  वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड 10 अडानी कंपनियों में से 8 कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. अडानी एंटरप्राइजेज में अक्टूबर से दिसंबर तिमाही तक रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 1.86 फीसदी ङउआ करती थी जो जनवरी से मार्च तिमाही में बढ़कर 3.41 फीसदी पर जा पहुंची है.  वहीं इस अवधि में 2 लाख रुपये कम निवेश करने वाले रिटेल निवेशकों की संख्या में करीब तीन गुना उछाल आया है. अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में निवेश करने वाले रिटेल निवेशकों की संख्या 3 लाख से बढ़कर 7.29 लाख हो गई है. 3 फरवरी 2023 को अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर ने 1017 रुपये के निचले लेवल को छूआ था जो अब 1842 रुपये पर ट्रेड कर रहा है.


रिटेल निवेशकों ने उठाया गिरावट का फायदा 


अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर में भी रिटेल निवेशकों ने जमकर निवेश किया है. रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही के 1.06 फीसदी से मार्च तिमाही में बढ़कर 2.22 फीसदी पर जा पहुंची है. अडानी ग्रीन का शेयर 439 रुपये तक जा लुढ़का था जो हिंडनबर्ग के रिपोर्ट के आने से पहले 2200 रुपये के करीब ट्रेड कर रहा था. अडानी ट्रांसमिशन में भी रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 0.77 फीसदी से बढ़कर 1.36 फीसदी हो गई है. हाल ही में खरीदे गए एनडीटीवी के शेयर्स भी रिटेल निवेशकों ने खरीदे हैं और उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 14.11 फीसदी से बढ़कर 17.54 फीसदी हो गई है. अंबुजा सीमेंट में रिटेल इंवेस्टर्स का स्टेक 5.52 फीसदी से बढ़कर 7.23 फीसदी पर जा पहुंचा है. 


जीक्यूजी के निवेश के बाद गिरावट पर लगी ब्रेक 


हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सामने के बाद लगातार गिरावट के चलते अडानी समूह के शेयर्स का मार्केट कैप 19 लाख करोड़ रुपये से घटकर 7 लाख करोड़ रुपये तक जा लुढ़का. यानि 12 लाख करोड़ रुपये मार्केट कैप में सेंध लग गया. हालांकि जैसे ही अमेरिका की इंवेस्टमेंट फर्म जीक्यूजी ने 15450 करोड़ रुपये में अडानी समूह की चार कंपनियों के शेयर्स खरीदे उसके बाद से अडानी के स्टॉक्स में गिरावट पर ब्रेक लग गया है. और जिन निवेशकों ने निचले लेवल पर अडानी समूह के शेयर्स खरीदें हैं उन्हें जबरदस्त मुनाफा हो रहा है. 


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