MP Election 2023: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ( Digvijay Singh) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के 3 भरोसेमंद मंत्रियों पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जब मंत्री पद चला जाएगा तो फिर क्या हश्र होगा. उन्होंने यह भी कहा कि कुर्सी किसी की सगी नहीं होती है.


'इन मंत्रियों के इशारे पर न्यायोचित कार्य नहीं कर रहा प्रशासन'
विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू होते ही मध्य प्रदेश में एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सक्रियता बढ़ गई है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह इन दिनों सागर और आसपास के 5 जिलों के दौरे पर हैं. वे लगातार शिवराज सरकार के मंत्रियों पर निशाना साध रहे हैं.  उन्होंने सागर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि शिवराज सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत और गोपाल भार्गव के इशारे पर पुलिस और प्रशासन न्यायोचित कार्य नहीं कर रहा है.


जब कुर्सी चली जाएगी तो क्या हश्र होगा
 उन्होंने खुरई का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पर जो लोग शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर लिया, जबकि बीजेपी के जो कार्यकर्ता और नेता पुलिस के साथ धक्का-मुक्की कर रहे थे, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि मंत्री भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत और गोपाल भार्गव को यह समझना चाहिए कि कुर्सी जीवन भर नहीं रहती है. जब वे मंत्री पद से हट जाएंगे तो क्या हश्र होगा? उन्होंने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर भी निशाना साधा. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा इन सब के गुरु हैं. दिग्विजय सिंह सागर में कई कार्यक्रमों में हिस्सा भी लिया.


दिग्विजय सिंह का कार्यकाल भी जनता ने देखा- कमल पटेल
वहीं पलटवार करते हुए शिवराज सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कार्यकाल भी मध्य प्रदेश की जनता ने देखा है. मध्य प्रदेश में गड्ढों में सड़क थी या सड़क पर गड्ढे, इस बात का अंदाजा लोगों को लगाना मुश्किल था, जिस प्रकार से बीजेपी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है उससे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भावनाएं आहत हैं. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की बात का असर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर ही नहीं होता तो फिर जनता उनकी बात पर कैसे भरोसा करे.


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