RBI Decision: देश के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बड़ा फैसला लिया है. बैंकिंग सेक्टर के बड़े फैसले के तहत आरबीआई ने कहा है कि प्राइवेट बैंकों और विदेशी बैंकों की पूर्ण-स्वामित्व वाली सब्सिडियरीज को अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) समेत कम-से-कम दो पूर्णकालिक निदेशकों यानी होल-टाइम डायरेक्टर्स की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए कहा है.


आरबीआई ने जारी कर दिया है सर्कुलर


आरबीआई ने एक सर्कुलर में कहा कि बैंकिंग क्षेत्र की बढ़ती जटिलता को देखते हुए मौजूदा और उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए बैंकों के लिए एक प्रभावी सीनियर मैनेजमेंट टीम का गठन अनिवार्य हो जाता है. इसमें कहा गया है, "ऐसी टीम की स्थापना से बैंक की उत्तराधिकार योजना में मदद मिल सकती है. यह एमडी और सीईओ पदों के लिए कार्यकाल और ऊपरी एज लिमिट से संबंधित रेगुलेटरी शर्तों की पृष्ठभूमि में और भी महत्वपूर्ण है."


रिजर्व बैंक ने बैंकों से क्या कहा


रिजर्व बैंक ने बैंकों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि मुद्दों और चुनौतियों के समाधान के लिए उनके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में एमडी और सीईओ सहित कम-से-कम दो पूर्णकालिक निदेशक या होलटाइम डायरेक्टर्स मौजूद हों. हालांकि बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को पूर्णकालिक निदेशकों की संख्या के बारे में फैसला ऑपरेशनल साइज, व्यावसायिक जटिलता या बिजनेस कॉम्प्लेक्सिटी और अन्य प्रासंगिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए.


आरबीआई के सर्कुलर के मुताबिक, "इन निर्देशों के संदर्भ में जो बैंक फिलहाल न्यूनतम शर्तों को पूरा नहीं करते हैं, उन्हें पूर्णकालिक निदेशकों की नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव चार महीने के भीतर जमा करने की सलाह दी जाती है." इसमें कहा गया है कि जिन बैंकों के संगठन नियमों में पूर्णकालिक निदेशकों की नियुक्ति से संबंधित प्रावधान नहीं हैं, वे पहले आरबीआई से जल्द मंजूरी मांग सकते हैं.


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