Reliance Infratel Limited: देश की प्रमुख दूरसंचार रिलायंस जियो (Reliance Jio) की सहायक कंपनी रिलायंस प्रोजेक्ट्स एंड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सर्विसेज (Reliance Projects and Property Management Services) ने रिलायंस इंफ्राटेल (Reliance Infratel) के मोबाइल टावर और फाइबर संपत्ति का अधिग्रहण कर लिया है. JIO ने इसके लिए एसबीआई एस्क्रो खाते (SBI Escrow Account) में 3,720 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं. मालूम हो कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने नवंबर माह में रिलायंस इंफ्राटेल (RITL) के अधिग्रहण के लिए जियो को मंजूरी दी थी.


3,720 करोड़ रुपये किये जमा 


रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले में रिलायंस इंफ्राटेल का लेन-देन पूरा हो गया है. जियो ने एसबीआई एस्क्रो खाते में 3,720 करोड़ रुपये जमा कराये हैं. अरबपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली जियो कंपनी ने नवंबर 2019 में अपने छोटे भाई अनिल अंबानी के प्रबंधन वाली फर्म रिलायंस कम्युनिकेशंस की कर्ज में डूबी कंपनी की टावर और फाइबर संपत्ति हासिल करने के लिए 3,720 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. ट्रिब्यूनल ने जियो को आरकॉम के टावर और फाइबर संपत्तियों के अधिग्रहण को पूरा करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) एस्क्रो खाते में 3,720 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा था. जिसे अब पूरा किया जा चुका है.


कब किया था प्रस्ताव 


एनसीएलटी के निर्देशानुसार, Jio ने 6 नवंबर को Reliance Infratel के अधिग्रहण को पूरा करने के लिए एक एस्क्रो खाते में 3,720 करोड़ रुपये जमा करने का प्रस्ताव दिया था, लेनदारों की समिति ने इससे पहले 4 मार्च, 2020 को Jio द्वारा 100 प्रतिशत वोट के साथ रेसोलुशन प्लान (Resolution Plan) को मंजूरी दे दी है. 


इतना बड़ा है नेटवर्क 


RITL के पास देशभर में लगभग 1.78 लाख किलोमीटर में और 43,540 मोबाइल टावरों की फाइबर संपत्ति है. समाधान निधियों के तहत आने वाले पैसे से कर्ज को ख़त्म किया जायेगा. इसमें दोहा बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और एमिरेट्स बैंक सहित एसबीआई और कुछ अन्य बैंक धन के वितरण को लेकर कानूनी लड़ाई में हैं. यह मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चला था.


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