Relief From High EMI: महंगे कर्ज के चलते महंगी ईएमआई से परेशान लोगों के लिए अच्छी खबर है. आने वाले दिनों में बैंकिंग सेक्टर का रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक अपने पॉलिसी रेट्स में कटौती कर सकता है. ये भरोसा जताया है वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने. उन्होंने कहा कि महंगाई के काबू में आने के साथ ही आरबीआई पॉलिसी रेट्स यानि रेपो रेट में कटौती करेगा. 


सस्ता होगा कर्ज!


वाणिज्य मंत्री का ये बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ये पहला मौका है जब सरकार में किसी इतने वरिष्ठ मंत्री ने ब्याज दरों में कटौती के संकेत दिए हैं. पीयूष गोयल ने कहा देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और महंगाई काबू में है. उन्होंने कहा कि भारत में 10 साल की औसत महंगाई दर करीब 5 से 5.5 फीसदी रही है.  उन्होंने कहा कि इस दशक में सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है और इसके चलते ब्याज दर में भारी कमी आई है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक मजबूत हुआ है और वह ब्याज दर को नीचे लाने की क्षमता रखता है. 


जल्द एमपीसी लेगा फैसला!


पीयूष गोयल ने कहा, बेशक पिछले डेढ़ साल में, यूक्रेन-संकट के बाद, ब्याज दर में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन अब महंगाई दर काफी हद तक नियंत्रण में है. उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि ब्याज दर की स्थिति पलटेगी और जल्दी ही इसमें कमी आएगी. भले ही ब्याज दर में यह कमी अगली मॉनिटरी पॉलिसी बैठक में या उसके बाद वाली पॉलिसी मीटिंग में.


अप्रैल में एमपीसी की बैठक 


अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.80 फीसदी तक जाने के बाद आरबीआई ने रेपो रेट को बढ़ाने का सिलसिला शुरू किया था. और अगले छह चरणों में रेपो रेट को 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया गया. हालांकि अप्रैल 2023 के बाद हुए 6 पॉलिसी बैठक में पॉलिसी रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है. जनवरी 2024 के लिए जो खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा घोषित किया गया है उसमें महंगाई दर घटकर 5.10 फीसदी पर आ गई है. हालांकि ब्याज दरें घटाने के लिए आरबीआई को महंगाई दर के 4 फीसदी तक गिरने का इंतजार है. आरबीआई की अगली पॉलिसी बैठक अप्रैल 2024 में होगी. 


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