Cross Border Transactions: ऑनलाइन क्रॉस बार्डर (Online Cross-Border) एक्सपोर्ट-इंपोर्ट ट्रांजेक्शन (Export-Import Transactions) के लिए पेमेंट और सेंटलमेंट (Payment And Settlement) की सुविधा प्रदान करने वाले इकाईयों को रेग्यूलेट करने को लेकर बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ( Reserve Bank Of India) ने नियम जारी किए हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रेस रिलीज जारी कर ये जानकारी दी है. 


भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेग्यूलेशन के मुताबिक सभी पेमेंट एग्रीगेटर्स (Payment Aggregators) जो ऑनलाइन मोड में घरेलू लेनदेन (Domestic Transaction) की प्रोसेसिंग की सुविधा प्रदान करते हैं, वे सभी इकाई आरबीआई के सर्कुलर्स के दायरे में आयेंगे. सेंट्रल बैंक ने अपने रेग्यूलेशन में कहा कि क्रॉस बार्डर पेमेंट में हुए डेवलपमेंट को ध्यान में गुड्स और सर्विसेज के एक्सपोर्ट और इंपोर्ट  के लिए क्रॉस बार्डर पेमेंट की सुविधा देने वाली सभी संस्थाओं अब आरबीआई के डायरेक्ट रेग्यूलेशन के तहत लाने का फैसला किया गया है.  


इस रेग्यूलेशन के मुताबिक ऐसी सभी ऑथराइज्ड डीलर बैंक (Authorised Dealer Banks) पेमेंट एग्रीगेटर और पीए-सीबी सहित संस्थाएं जो गुड्स और सर्विसेज के इंपोर्ट एक्सपोर्ट को लेकर क्रॉस बार्डर पेमेंट ट्रांजैक्शन के सेटलमेंट और प्रोसेसिंग करती हैं उन्हें आरबीआई के निर्देशों का पालन करना होगा. 


पेमेंट गेटवे ( Payment Gateways) ऐसी कंपनियां हैं जो ऑनलाइन ट्रांजैक्शन (Online Transactions) के लिए टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करती हैं. पेमेंट एग्रीगेटर्स वैसी वित्तीय संस्थाएं हैं जो ई-कॉमर्स वेबसाइट्स और मर्चेंट्स को कस्टमर्स से पेमेंट लेने की सुविधा प्रदान करती हैं जिससे सभी व्यापरियों को अपना पेमेंट सिस्टम ना बनाना पड़े. पेमेंट एग्रीगेटर्स कस्टमर्स से पेमेंट लेकर मर्चेंट्स को ट्रांसफर करती है. भारतीय रिजर्व बैंक ने कई आवेदकों को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी  लेकिन अंतिम मंजूरी एक साल से अधिक समय से लंबित है.  आरबीआई ने कुछ बड़ी कंपनियों को नए ग्राहकों को ऑनबोर्ड करने पर रोक लगा रखा है जिन्हें पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी. 


ये भी पढ़ें 


Stock Market: 2024 में तीसरी बार नहीं बनी मोदी सरकार, तो शेयर बाजार में आ सकती है सुनामी! क्रिस वुड ने की भविष्यवाणी