RBI Repo Rate Hike: बुधवार 28 सितंबर 2022 से आरबीआई ( Reserve Bank Of India) की तीन द्विवसीय मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ( Monetary Policy Committee) की बैठक शुरू होने वाली है जो कि 30 सितंबर तक जारी रहेगी. 30 सितंबर को आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास बैठक में लिए गए फैसलों का एलान करेंगे. और इस बात कि पूरी उम्मीद है कि आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट यानि आधे फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला ले सकती है. रेपो रेट को 5.40 फीसदी से बढ़ाकर 5.90 फीसदी किया जा सकता है. ऐसा हुआ तो आप पर महंगाई की बड़ी मार पड़ सकती है क्योंकि आपकी ईएमआई महंगी हो सकती है. 


क्यों बढ़ेगा रेपो रेट!
अगस्त महीने में  खुदरा महंगाई दर ( Retail Inflation Data)  7 फीसदी रहा है. तो ये आरबीआई के टोलरेंस लेवल 6 फीसदी से ज्यादा है. ऐसे में आरबीआई लगातार चौथी बार पॉलिसी बैठक में रेपो रेट ( Repo Rate) में बढ़ोतरी कर सकता है. जेपी मार्गन से लेकर मार्गन स्टैनली ( Morgan Stanley) का मानना है कि आरबीआई रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है. मार्गन स्टैनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, पहले हमारा अनुमान था कि रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की जा सकती है. लेकिन महंगाई दर में तेजी और दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ( Central Banks ) के रूख के बाद हमारा अनुमान है कि रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है.


क्या होगा असर!
आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के बाद बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा जिसका भार वे कस्टमर्स पर डालेंगे. रेपो रेट बढ़ने पर होम लोन से लेकर कार लोन, एजुकेशन लोन और बिजनेस लोन सभी महंगे हो जायेंगे. जिन लोगों को पहले से रेपो रेट आधारित होम लोन चल रहा है उनकी ईएमआई महंगी हो जाएगी.  


तीन बार बढ़ चुका है रेपो रेट  
2022 में आरबीआई रेपो रेट में 1.40 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है. पहली बार आरबीआई ने मई में 40 बेसिस प्वाइंट, दूसरी बार जून में 50 बेसिस प्वाइंट और फिर अगस्त में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. हाल ही में अमेरिकी और ब्रिटेन की सेंट्रल बैंक ने कर्ज महंगा कर दिया है. जिसके बाद आरबीआई भी ब्याज दरें बढ़ा सकता है. हालांकि इस बढ़ोतरी के साथ ही ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला यहीं थमने के भी आसार है क्योंकि आने वाले दिनों में कमोडिटी के दामों में कमी के चलते महंगाई में कमी की संभावना जताई जा रही है. 


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