RBI MPC Meet 2023: भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का रेपो रेट इस बार भी अनचेंज रख सकता है. इस सप्ताह में आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक होने वाली है और सप्ताह के अंत में ब्याज बढ़ोतरी पर फैसला लिया जाएगा. ऐसे में ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने की संभावना है. 


आरबीआई महंगाई दर और कच्चे तेल पर निगरानी बनाए हुए है. कच्चे तेल की कीमत 10 महीने में सबसे तेज बढ़ा है, जिस कारण सख्ती का संकेत दिया है. ऐसे में आरबीआई की ओर से यह फैसला लिया जा सकता है. अभी मौजूदा रेपो रेट 6.50 फीसदी है और 4 से 6 अक्टूबर के बीच होने वाली MPC की बैठक में इसे 6.50 फीसदी पर ही रखने का अनुमान है. 


चौथी बार रेपो रेट में नहीं होगा बदलाव 


अगर आरबीआई ऐसा फैसला लेती है तो यह चौथी लगातार बैठक होगा, जिसमें रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. आरबीआई ने पिछले बैठकों में महंगाई को कंट्रोल करने और मार्केट की स्थिति सही रखने के लिए ब्याज दर को स्थिर रखा था. 


कम हो सकता है लोन का भार 


केंद्रीय बैंक अगर ब्याज दर को अपरिवर्तित रखती है तो बैंक लोन की ब्याज दर को या तो घटा सकते हैं या फिर इसे अपरिवर्तित रखेंगे. इसका मतलब है कि लोगों को थोड़ा कम या उतनी ही ईएमआई चुकानी होगी, जितना अभी दे रहे हैं.  


किस कारण बढ़ सकता है रेपो रेट 


डीसीबी बैंक के सीनियर इकॉनोमिस्ट राधिका राव ने कहा कि ग्लोबल कच्चे तेल की कीमत नवंबर 2022 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं, जो आरबीआई के अप्रैल के 85 डॉलर प्रति बैरल के अनुमान को पार कर गई है. सितंबर का औसत अगस्त की तुलना में करीब 9 फीसदी अधिक है. वहीं इक्विटी मार्केट में सेलर्स की संख्या भी बढ़ी है. रुपये में भी गिरावट देखी गई है. ऐसे में दरों को बढ़ाया या स्थिर रखा जा सकता है. 


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