RBI Imposes Monetary Penalty: बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बड़े बैंकों पर मॉनिटरी पेनल्टी लगाने का फैसला लिया है जिसमें भारतीय स्टेट बैंक, समेत इंडियन बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल है. आरबीआई ने ये पेनल्टी करेंट अकाउंट्स खोलने में केवाईसी (Know Your Customer ) नियमों, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग  (Anti Money Laundering) नियमों में उल्लंघन पाये जाने के चलते लगाया है. 


आरबीआई ने भारतीय स्टेट बैंक पर 21 सितंबर 2023 को जारी आदेश में 1.30 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. आरबीआई ने ये पेनल्टी लोन और एडवांस को लेकर सेंट्रल बैंक के गाइडलाइंस का अनुपालन नहीं किए जाने के चलते लगाया है. आरबीआई ने ये पेनल्टी उसे मिले अधिकारों के तहत लगाने का फैसला लिया है. आरबीआई ने 31 मार्च 2021 को बैंक के फाइनेंशियल स्थिति को लेकर जांच की थी. रिस्क एसेसमेंट रिपोर्ट में कई खामियां पाई गई थी जिसके बाद बैंक को नोटिस जारी किया गया था. 


बैंक से मिले जवाब के बाद पर्सनल हियरिंग में ओरल सबमिशन के बाद अतिरिक्त जानकारियां बैंक के तरफ से उपलब्ध कराई गई. जिससे असंतुष्ट होने के बाद ये पेनल्टी लगाया गया है. इंडियन बैंक 1.62 करोड़ रुपये का पेनल्टी आरबीआई ने लगाया है. इंडियन बैंक पर ये पेनल्टी केवाईसी डायरेक्शन का पालन नहीं करने और डिपॉजिट्स पर आरबीआई के निर्देशों का पालन नहीं करने के चलते लगाया गया है. 


पंजाब एंड सिंध बैंक पर आरबीआई ने एक करोड़ रुपये का जुर्माना ठोंका है. बैंक पर ये जुर्माना डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड स्कीम के लेकर बैंकिंग रेग्यूलेशन एक्ट के नियमों का अनुपालन नहीं करने के चलते लगाया गया है. आरबीआई ने 31 मार्च 2021 को बैंक के वित्तीय हालत की समीक्षा की थी. जिसमें ये पाया गया कि बैंक ने  डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड स्कीम में तय अवधि में पैसा क्रेडिट करने में देर कर दी. जिसके बाद आरबीआई ने ये पेनल्टी लगाने का फैसला लिया है. 


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