India GDP: इस समय विश्व के कई देश आर्थिक मंदी की आशंका से या तो जूझ रहे हैं या इसकी आहट महसूस कर रहे हैं. यूरोप के कुछ देशों में वित्तीय स्थिति खराब है और इसके अलावा अमेरिका का शटडाउन संकट तो चर्चा का विषय बना ही हुआ है. एशिया में भी चीन की आर्थिक स्थिति कुछ डावांडोल ही चल रही है. ऐसे में भारत के लिए ऐसी खबर आई है जो कि आर्थिक मोर्चे पर राहत का मौका साबित हो सकती है.


एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी के लिए दिया अनुमान


अमेरिका की ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत के विकास दर के अनुमान को चालू वित्त वर्ष के लिए 6 फीसदी पर बरकरार रखा है. एसएंडपी ने ग्लोबल इकोनॉमी के धीमी होने, मानसून के सामान्य से कम बढ़त वाले रिस्क और इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी के पेंडिंग इफेक्ट का हवाला देते हुए अनुमान 6 फीसदी पर बरकरार रखा है.


एसएंडपी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने जीडीपी के अनुमान को 6 फीसदी पर बरकरार रखते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 2024-25 और 2025-26 के फाइनेंशियल ईयर में 6.9 फीसदी की दर से विकास गति हासिल करेगी. 


एसएंडपी ने कहा कि जून तिमाही में भारत की कंजम्पशन ग्रोथ के साथ साथ कैपिटल एक्सपेंडिचर यानी पूंजीगत खर्च भी मजबूती पर रहा है जो कि इस बात का इंडीकेशन है कि देश में खपत अपने पहले के स्तर पर लौट रही है और इसके आगे भी जा रही है. 


एसएंडपी ने इकोनॉमिक आउटलुक फॉर एशिया पैसिफिक रिपोर्ट में क्या कहा


एसएंडपी ने 'इकोनॉमिक आउटलुक फॉर एशिया पैसिफिक क्वार्टर-4 2023' रिपोर्ट में कहा कि इस साल वृद्धि दर 2022 की तुलना में कमजोर रहेगी, लेकिन हमारा दृष्टिकोण मोटे तौर पर अनुकूल बना हुआ है. लिहाजा जून तिमाही में भारत में मजबूत विस्तार के बावजूद, धीमी ग्लोबल इकॉनॉमी, दरों में बढ़ोतरी के पेंडिंग इफेक्ट और असामान्य मानसून के बढ़ते रिस्क को देखते हुए हम मार्च 2024 को खत्म हो रहे वित्तीय वर्ष 2024 के लिए अपना अनुमान बरकरार रखते हैं.


कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से बढ़ाया इसका रिटेल महंगाई दर का अनुमान


हालांकि एसएंडपी ने सब्जियों की कीमत में हालिया बढ़ोतरी को अस्थायी माना है. हालांकि रेटिंग एजेंसी ने ऊंची क्रूड ऑयल कीमतों पर रिटेल महंगाई दर के अनुमान को पहले के 5 फीसदी से बढ़ाकर 5.5 फीसदी कर दिया है. एशिया पैसिफिक रीजन में विकास दर पर एसएंडपी ने कहा कि यह एक "मल्टी-स्पीड" सेक्टर बना हुआ है और इसके लिए एजेंसी ने अपने अनुमान को थोड़ा बढ़ाकर 3.9 फीसदी कर दिया है.


ध्यान रहे कि मार्च 2023 को खत्म वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की दर से बढ़ी थी.


मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भी बढ़ाया था भारत की ग्रोथ का अनुमान


ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने साल 2023 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को हाल ही में बढ़ाया है. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने Global Macro Outlook में भारत को लेकर कहा कि साल 2023 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर (GDP) 6.7 फीसदी रहने वाली है. इससे पहले मूडीज ने कहा था कि 2023 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 5.5 फीसदी रहेगी.


IMF ने भी बढ़ाया था भारत की आर्थिक विकास दर का अनुमान


22 जुलाई 2023 को इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (International Monetary Fund) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत के जीडीपी अनुमान में बढ़ोतरी की थी. आईएमएफ ने कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 6.1 फीसदी रहने का अनुमान है. इससे पहले आईएमएफ ने 5.9 फीसदी ग्रोथ रेट रहने का अनुमान जताया था. 


Fitch ने भी भारत की जीडीपी दर में तेजी का अनुमान दिया था


इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने 2023-24 वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास दर के अनुमान को बढ़ा दिया है. 3 महीने पहले यानी जून 2023 में फिच ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.3 फीसदी के दर से विकास करेगी. इससे पहले फिच ने 6 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. 


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