भारत अभी के समय में डिजिटल पेमेंट के मामले में पूरी दुनिया में सबसे आगे है. अमेरिका और तमाम अन्य विकसित देश सभी डिजिटल पेमेंट के मामले में भारत से मीलों पीछे छूट गए हैं. भारत की इस उपलब्धि का सबसे बड़ा कारण है यूपीआई. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी यूपीआई को दुनिया में सबसे बेहतर मानते हैं.


प्राइवेट कंपनियों के योगदान की तारीफ


आरबीआई गवर्नर दास गुरुवार को एक अवार्ड कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे. उसके दौरान गवर्नर दास ने यूपीआई समेत कई मुद्दों पर बातें की. उन्होंने कहा कि यूपीआई संभवत: दुनिया में सबसे बेहतर है और इसे वर्ल्ड लीडर होना चाहिए. उन्होंने यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस को देश भर में इस तरह सफल बनाने में प्राइवेट कंपनियों के योगदान की भी सराहना की.


इस तरह बढ़ा यूपीआई का इस्तेमाल


यूपीआई आज के समय में भारत में पेमेंट का सबसे प्रमुख माध्यम बना हुआ है. आज के समय में दूर-दराज के गांवों में भी लोग धड़ल्ले से यूपीआई से लेन-देन कर रहे हैं. इसके लिए आरबीआई और एनपीसीआई ने लगातार प्रयास किया है. कुछ समय पहले यूपीआई लाइट की पेशकश की गई थी, ताकि बिना इंटरनेट के भी यूपीआई से पेमेंट हो सके. रिजर्व बैंक ने दिसंबर में हुई बैठक में कुछ कैटेगरी में यूपीआई पेमेंट की लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी. दूसरी ओर पेटीएम, गूगल पे, अमेजन पे, फोन पे, भारत पे, मोबिक्विक जैसे प्राइवेट पेमेंट ऐप ने भी यूपीआई की स्वीकार्यता बढ़ाने में मदद की.


मजबूत बनकर उभरा बैंकिंग सिस्टम


बैंकिंग सेक्टर के बारे में रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि पिछले कुछ सालों के दौरान यह सेक्टर मजबूती के साथ अप्रत्याशित चुनौतियों से लड़ा है. उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले कुछ सालों के दौरान भारतीय बैंकिंग सेक्टर के समक्ष कई गंभीर चुनौतियां आईं, लेकिन बैंकिंग क्षेत्र ने उन सभी का मजबूती से सामना किया और पहले से ज्यादा मजबूत बनकर उभरा. आरबीआई गवर्नर इसका श्रेय बैंकिंग प्रणाली के सभी संबंधित पक्षों को देते हैं.


फर्जी लोन ऐप पर लिए जा रहे एक्शन


उन्होंने कहा कि फिनटेक सेक्टर लगातार आगे बढ़ रहा है, लेकिन इसे टिकाऊपन के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है. हमारा जोर इसी पर है. उन्होंने फ्रॉड लेंडिंग ऐप यानी फर्जी लोन ऐप को लेकर कहा कि इसे लेकर सेंट्रल बैंक चिंतित है. सेंट्रल बैंक इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार व संबंधित मंत्रालयों के साथ काम कर रहा है. संदेहास्पद ऐप के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा रही है.


क्रिप्टोकरेंसी उभरते बाजारों के लिए खतरनाक


शक्तिकांत दास ने कार्यक्रम के दौरान क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी बातें की. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो पर रिजर्व बैंक के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. इस राह पर चलने में बहुत रिस्क है. आरबीआई गवर्नर शुरुआत से क्रिप्टोकरेंसी को सभी देशों खासकर उभरते बाजारों की वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम बताते आए हैं.


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