Shiv Sena vs Shiv Sena Verdict: बुधवार को, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने घोषणा की कि 21 जून, 2022 को पार्टी के विभाजन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला गुट ही असली शिवसेना है. एकनाथ शिंदे सहित सभी 16 विधायकों की संभावित अयोग्यता के संबंध में शिवसेना-यूबीटी द्वारा प्रस्तुत तर्क को विधानसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया. विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी माना कि तत्कालीन मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप) सुनील प्रभु ने पद पर बने रहने की पार्टी की इच्छा को प्रतिबिंबित करना बंद कर दिया, क्योंकि प्रतिद्वंद्वी गुट के उभरने के बाद नए मुख्य सचेतक भरत गोगावले ही वैध रूप से निर्वाचित मुख्य सचेतक थे. इस पूरे मामले पर अब प्रकाश आंबेडकर का बड़ा बयान भी सामने आया है.


क्या बोले प्रकाश आंबेडकर?
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले के बाद VBA अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा, 'हम कार्रवाई के मुद्दे पर अपने गठबंधन सहयोगी शिवसेना-उद्धव ठाकरे के प्रति सहानुभूति रखते हैं. शिवसेना (यूबीटी) भारत के चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट के सामने एक मजबूत मामला बनाने में विफल रहा. शिवसेना (यूबीटी) उसी दिन लड़ाई हार गई थी जब ईसीआई ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को आधिकारिक नाम और प्रतीक बरकरार रखने की अनुमति दी थी. आज तो महज औपचारिकता थी! हमें उद्धव ठाकरे से सहानुभूति है.'






शिंदे को राहत और उद्धव को झटका
यह निर्णय मुख्यमंत्री शिंदे के लिए महत्वपूर्ण राहत लेकर आया है और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-यूबीटी के लिए एक बड़ा झटका है, जिन्होंने अलग हुए समूह के दावों का विरोध किया था. अध्यक्ष ने एकनाथ शिंदे गुट को चुनौती देने वाली शिवसेना (यूबीटी) याचिका में प्रस्तुत कई अन्य दावों और तर्कों को खारिज कर दिया. स्पीकर के फैसले के जवाब में सत्तारूढ़ शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई और राज्य भर में बड़े पैमाने पर जश्न मनाया.


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