Payment Aggregator licence: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ग्रो (Groww) को पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस (PA Licence) दे दिया है. अब पीए लाइसेंस मिल जाने के बाद कंपनी अपने यूपीआई एप ग्रो पे (Groww Pay) के जरिए ईकॉमर्स ट्रांजेक्शन कर सकेगी. ग्रो पे को यह लाइसेंस 29 अप्रैल को दिया गया है. 


पिछले साल मिल गया था टीपीएपी लाइसेंस 


बेंगलुरु स्थिति फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी ग्रो अभी तक इनवेस्टमेंट और ब्रोकिंग सर्विसेज ऑफर कर रही थी. कंपनी ने पिछले साल जुलाई में ग्रो पे प्राइवेट लिमिटेड के नाम से अपनी यूपीआई सर्विसेज भी शुरू की थीं. कंपनी को थर्ड पार्टी एप्लीकेशन प्रोवाइडर लाइसेंस (TPAP Licence) भी पिछले साल मिल गया था. अभी तक कंपनी यस बैंक के साथ मिलकर अपनी सेवाएं चला रही थी. पेमेंट एप का फोकस बिजली और पानी के बिल और डीटीएच रीचार्ज पर था. इसके अलावा लोन और क्रेडिट कार्ड रीपेमेंट भी इस एप का जरिए ऑफर किए जा रहे थे. 


पीए लाइसेंस से नए कस्टमर्स तक बनेगी पहुंच 


ग्रो को टाइगर ग्लोबल का समर्थन प्राप्त है. कंपनी क्रेडिट और पेमेंट सेक्टर में घुसने का प्रयास पिछले 2 साल से कर रही थी. कंपनी की नजर उसके ट्रेडर्स पर है. वह इन्हें अपना कस्टमर बनाना चाहती है. इसके अलावा अब पीए लाइसेंस मिल जाने के बाद वह नए कस्टमर्स तक भी पहुंच सकेगी. कंपनी ने एनबीएफसी लाइसेंस हासिल करने के बाद पर्सनल लोन बांटना शुरू किया था. पीए लाइसेंस की मदद से कोई भी कंपनी कस्टमर्स से मिलने वाले पेमेंट को मर्चेंट्स तक पहुंचा सकती है.


एक साल में कई कंपनियों को मिला यह लाइसेंस 


आरबीआई ने पिछले साल से कई ऑनलाइन पेमेंट गेटवे कंपनियों को पीए लाइसेंस दिया है. इनमें ग्रो द्वारा समर्थित डिजीओ (DigiO) को जनवरी में यह लाइसेंस मिला था. इसके अलावा पेयू (PayU), क्रेड (Cred), एमस्वाइप (Mswipe), रेजरपे (Razorpay), सीसी एवेन्यू (CC Avenue), कैशफ्री (Cashfree), जोहो (Zoho), टाटा पे (Tata Pay), गूगल पे (Google Pay), डिसेंट्रो (Decentro) और एनकैश (EnKash) को भी पीए लाइसेंस मिल चुका है.


ये भी पढ़ें 


Jio Financial: हितेश कुमार सेठिया 3 साल तक जिओ फाइनेंशियल के एमडी रहेंगे, नियुक्ति को मिली मंजूरी