RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व ​बैंक की मौद्रिक नीति समिति के बैठक के बाद आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का एलान किया है. इसी के साथ ही e-RUPI वाउचर के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इसका दायरा अब बढ़ाया जा रहा है और अब नॉन बैंकिंग कंपनियों को भी इसे जारी करने की अनुमति होगी. 


गर्वनर ने कहा कि ई-रूपी वाउचर की सुविधा को सरल बनाने के लिए नॉन बैंक को भी अनुमाति दी गई है. गर्वनर ने e-RUPI वाउचर को जारी करने के प्रॉसेस और रिडेम्पशन को भी सरकल करने के​ लिए कहा है. अभी तक केवल बैंकों की ओर से ही ई-रूपी वाउचर जारी करने की सुविधा थी. दास ने कहा कि इससे डिजिटल पैठ और गहरा होगा. 


क्या है e-RUPI वाउचर?


अगस्त 2021 में डिजिटल बाउचर e-RUPI को लॉन्च किया गया था. यह भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सिस्टम पर चलता है. मौजूदा समय में इस वाउचर को बैंकों की ओर से केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से एक सीमित सीमा तक जारी किया जाता है. यह एक डिजिटल पेमेंट का तरीका है. सरकार इस तरीके का उपयोग अपने वेलफेयर स्कीम के लिए कर रही है. इस तरीके से कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस तरीके पैसे मिल जाते हैं और किसी मिडिलमैन की आवश्यकता नहीं होती है. इसमें सिर्फ एक QR Code के स्कैन करने पैसे व्यक्तियों के अकाउंट में आसानी से और जल्दी चले जाते हैं. 


कैसे करता है ये काम?


ई-रूपी वाउचर नेट बैंकिंग , IMPS आदि जैसे पेमेंट विकल्पों से सरल है. ई-रूपी वाउचर के तहत एक क्यूआर कोड से एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे भेज दिए जाते हैं. इसे एक प्रीपेड वाउचर की तरह उपयोग कर सकते हैं. 


क्या होगा फायदा 


यह सुविधा एसबीआई (SBI),  एक्सिस बैंक (Axis Bank), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) आदि बैंकों द्वारा दी जाती है. हालांकि अब आरबीआई ने इसका दायरा बढ़ाने का एलान किया है. यह खासकर उन लोगों के लिए है, जो बैंक से मनी ट्रांसफर या बैंक की सुविधाओं का उपयोग नहीं करते हैं. उदाहरण- अगर कोई व्यक्ति अस्पताल में भर्ती है और सरकार उसे पैसे भेजना चाहती है तो एक क्यूआर कोड भेजेगी, जिसे स्कैन करके हॉस्पिटल अपना पेमेंट ले सकता है. 


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