Rakesh Jhunjhunwala 63rd Birth Anniversary: भारतीय शेयर बाजार (Share Market) के मशहूर इन्वेस्टर राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) भले ही अब हम लोगों के बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी कहानी आज भी लाखों-करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत का काम करती है. उनकी कहानी है ही इतनी दिलचस्प. आज उनकी 63वीं बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर हम आपको एक ऐसी ही कहानी बताने जा रहे हैं, जिसमें आप जानेंगे कि कैसे उन्होंने सिर्फ 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत की थी और 40 हजार करोड़ रुपये की दौलत बना ली थी.


ऐसे नाम में लगा झुनझुनवाला


सबसे पहले आपको बता दें कि उनका जन्म 5 जुलाई 1960 को हैदराबाद में हुआ था. अगर वह जीवित होते तो आज 63 साल के हो जाते. राजस्थान के झुझनूं से ताल्लुक होने के चलते उनके नाम में झुनझुनवाला जुड़ा हुआ था. पिछले साल 14 अगस्त को मुंबई में उनका निधन हो गया था. शेयर बाजार में उनकी निवेश यात्रा इस कदर सफल हुई थी कि उन्हें भारत का ‘बिग बुल’ कहा जाने लगा था और उन्हें भारत के ‘वारेन बफे’ की उपाधि मिल गई थी. उनकी असाधारण उपलब्धियों के चलते भारत सरकार ने इस साल उन्हें मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया.


बाजार से 8 करोड़ गुणे की कमाई


पिछले साल जब राकेश झुनझुनवाला का निधन हुआ, उस समय उनके पास करीब 40 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति (Rakesh Jhunjhunwala Networth) थी. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इतनी दौलत कमाने वाले इंसान का सफर महज 5 हजार रुपये से शुरू हुआ था. राकेश झुनझुनवाला की कमाई का मुख्य जरिया शेयर बाजार था और इसी बाजार ने उन्हें सफलता के सारे आयाम दिलाए.


पिता से मिली बाजार की प्रेरणा


झुनझुनवाला ने दलाल स्ट्रीट (Dalal Street) में साल 1985 में कदम रखा था. उन्हें शेयर बाजार (Share Market) में उतरने की प्रेरणा अपने पिता से मिली थी. हालांकि पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट झुनझुनवाला ने जब पहली बार शेयर बाजार में पैसे लगाने का मन बनाया तो पिता ने उन्हें पैसे देने से मना कर दिया. साथ ही पिता ने यह हिदात भी दी कि किसी दोस्त या रिश्तेदार से उधार लेकर बाजार में पैसे नहीं लगाने हैं. इसके बाद झुनझुनवाला ने पहले कुछ पैसे बनाए और फिर बाजार में उतर गए.




टाटा टी ने दी पहली सफलता


झुनझुनवाला ने 1985 में 5000 रुपये का निवेश कर इन्वेस्टर के रूप में करियर की शुरुआत की. उन्हें सफलता दिलाने में टाटा समूह के शेयरों का बड़ा रोल है. उन्होंने एक समय टाटा समूह (Tata Group) की कंपनी टाटा टी (Tata Tea) के पांच हजार शेयर 43 रुपये के हिसाब से लिया. तीन महीने में ही टाटा टी का शेयर काफी चढ़ गया. तब झुनझुनवाला ने 143 रुपये के हिसाब से बेच डाला. यह 1986 की बात है. झुनझुनवाला को इस सौदे से तीन महीने में ही 2.15 लाख के निवेश पर पांच लाख रुपये का मुनाफा मिल गया.


टाइटन ने बना दिया बिग बुल


अगले तीन सालों में उन्होंने करीब ढाई करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. टाटा समूह की ही एक अन्य कंपनी ने उन्हें बिगबुल बनाया. उन्होंने साल 2003 में टाटा समूह की कंपनी टाइटन (Titan) में पैसे लगाए. तब उन्होंने तीन रुपये के हिसाब से टाइटन के छह करोड़ शेयर खरीदे. एक समय झुनझुनवाला के पास टाइटन के करीब 4.5 करोड़ शेयर हो गए, जिनकी वैल्यू 7000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई.




टाटा पर बना रहा था ट्रस्ट


झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में अंतिम समय तक टाटा के शेयरों का बड़ा हिस्सा रहा. पिछले साल जब उनका निधन हुआ था, तब उनके पोर्टफोलियो में सेल (SAIL), टाटा मोटर्स (Tata Motors), टाटा कम्युनिकेशंस (Tata Communications), ल्यूपिन (Lupin), टीवी18 (TV18), डीबी रियल्टी (DB Realty), इंडियन होटल्स (Indian Hotels), इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस (India Bulls Housing Finance), फेडरल बैंक (Federal Bank), करुर वैश्य बैंक (Karur Vaishya Bank), एस्कॉर्ट्स लिमिटेड (Escorts Ltd), टाइटन कंपनी (Titan Company), एमसीएक्स (MCX) जैसे शेयर शामिल थे.


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