GQG Partners Investment: हिंडनबर्ग रिसर्च के रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी के अडानी समूह के स्टॉक्स में गिरावट की सुनामी के बाद मार्च 2023 में जीक्यूजी पार्टनर्स के राजीव जैन ने अडानी समूह के स्टॉक्स को खरीदकर ग्रुप की छवि को लगे दाग को धोने में मदद की. इससे पहले बहुत कम लोगों ने जीक्यूजी पार्टनर्स और राजीव जैन के बारे में सुना होगा. पर अडानी समूह के स्टॉक्स में निवेश के बाद जीक्यूजी ने भारत की और भी दूसरी कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश किया. और अब हालत ये है कि जीक्यूजी पार्टनर्स के भारत में निवेश कै वैल्यू कुछ ही महीनों में डबल हो चुका है. 


डबल हो गया निवेश का वैल्यू 


ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक जीक्यूजी के छह फंडों के भारत में निवेश का वैल्यू 4.4 बिलियन डॉलर से बढ़कर 9.9 बिलियन डॉलर हो गया है. ब्लूमबर्ग ने ये जानकारी फ्लॉरिडा बेस्ड निवेशक के वेबसाइट पर दी गई जानकारी और रेग्यूलेटरी फाइलिंग के जरिए ये डेटा जुटाया है. जीक्यूजी ने  इंफ्रास्ट्रक्चर, कंज्यूमर गुड्स और एनर्जी सेक्टर्स से जुड़े स्टॉक्स में 4 बिलियन डॉलर के करीब निवेश किया. और इमर्जिंग वर्ल्ड में भारत में किए निवेश मे सबसे शानदार प्रदर्शन किया है.


जीक्यूजी का पोर्टफोलियो 


ब्लूमबर्ग ने ये कैलकुलेशन पिछले ट्रेडिंग सत्र के क्लोजिंग प्राइस और चार म्यूचुअल फंड्स समेत दो अन्य फंड के जरिए जीक्यूजी ने भारतीय स्टॉक्स में जो निवेश किया है उसके आधार पर किया है. हालांकि जीक्यूजी के भारत में किए पूरे निवेश का डेटा उपलब्ध नहीं है. उसके दूसरे फंड्स में हैं जिसका पोर्टफोलियो उपलब्ध नहीं है.  मार्च 2023 में जीक्यूजी पार्टनर्स ने 1.9 बिलियन डॉलर के अडानी स्टॉक्स खरीदे थे जिसका वैल्यूएशन 7 बिलियन डॉलर हो गया है.  


जीक्यूजी पार्टनर्स इमर्जिंग मार्केट्स इक्विटी फंड ने जेएसडब्ल्यू एनर्जी लिमिटेड, पतंजलि फूड्स, मैक्रोटेक डेवलपर्स, मैक्स हेल्थकेयर, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के स्टॉक इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच खरीदे थे. इसके अलावा फंड ने आईटीसी और एसबीआई के शेयरों में भी निवेश किया है. अब जीक्यूजी ने जीएमआर एयरपोर्ट्स के स्टॉक्स में भी निवेश किया है. 


कौन है राजीव जैन


राजीव जैन जीक्यूजी पार्टनर्स के चेयरमैन और चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर हैं और वे जीक्यूजी की निवेश की रणनीति बनाते हैं. वे वॉनटोबेल एसेट मैनेजमेंट (Vontobel Asset Management) के चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर और हेड ऑफ इक्विटीज रह चुके हैं. पोर्टफोलियो मैनेजर के तौर पर उन्होंने 1994 में शुरुआत की थी. केवल सात वर्षों में राजीव जैन ने जीक्यूजी को 92 बिलियन डॉलर का इंवेस्टमेंट पावरहाउस बना चुके हैं. शायद ही किसी स्टार्टअप ने इतने कम समय में इतनी तेजी से फंड जुटाये होंगे जो कमाल राजीव जैन ने किया है. पिछले पांच वर्षों से उकी नजर अडानी समूह के स्टॉक्स पर थी.  भारत में जन्मे राजीव जैन 1990 में अमेरिका के मियामी यूनिवर्सिटी ( University of Miami) से एमबीए करने के लिए अमेरिका चले गए. 1994 में उन्होंने वॉनटोबेल ज्वाइन किया. 2002 में इस स्विस कंपनी के वे चीफ इवेंस्टमेंट मैनेजर बन चुके थे. मार्च 2016 में उन्होंने जीक्यूजी की शुरुआत की. 


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