Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana Status: वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने संसद में जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत अब तक देश में 51.04 करोड़ बैंक अकाउंट खुल चुके हैं. 9 साल पहले शुरू हुई इस योजना के अंतर्गत पीएमजेडीवाई स्कीम के 51 करोड़ बैंक खातों में अब तक 2.08 ट्रिलियन (2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) की रकम जमा की जा चुकी है. वित्त राज्यमंत्री ने संसद में लिखित जवाब में कहा कि ये डेटा 29 नवंबर 2023 तक का है और जन-धन अकाउंट्स में 2,08,855 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं.


क्या था इस स्कीम को लाने का लक्ष्य- वित्त राज्यमंत्री ने दिया जवाब


इस स्कीम के तहत सभी एडल्ट जिनके पास बैंक खाते नहीं थे उनको भी बैंकिग सुविधाएं दिलाने और एक बेसिक बैंक अकाउंट मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया था. इससे वो सरकारी योजनाओं की सब्सिडियरी का फायदा ले सकेंगे और देश के वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इंक्लूजन) में शामिल हो सकेंगे.


PMJDY के मुख्य अपडेट्स



  1. 22 नवंबर 2023 तक 4.3 करोड़ पीएमजेडीवाई खातों में जीरो बैलेंस है क्योंकि इन खातों में मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं है.

  2. ग्रामीण और सेमी-अर्बन एरिया में खोले गए इन खातों में से 55.8 फीसदी खाते महिलाओं ने खोले हैं.

  3. 29 नवंबर 2023 तक करीब 34.67 करोड़ रूपे डेबिट कार्ड्स PMJDY बैंक खाताधारकों को दिए जा चुके हैं.

  4. ओवरड्राफ्ट सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये तक कर दी गई है.

  5. RuPay कार्ड धारकों के लिए 1 लाख रुपये से 2 लाख रुपये तक दुर्घटना बीमा कवर दिया जाता है.

  6. PMJDY स्कीम में फ्लेक्सी-रिकरिंग डिपॉजिट जैसे माइक्रो फाइनेस का कोई इनबिल्ट प्रोविजन नहीं है. 

  7. हालांकि जन-धन बैंक अकाउंट होल्डर्स अपने बैंकों से माइक्रो-फाइनेंस का फायदा उठा सकते हैं.


क्या है प्रधानमंत्री जन-धन योजना


देश में फाइनेंशियल इंक्लूजन के तहत सभी वर्गों को लाने के राष्ट्रीय मिशन के तहत इस स्कीम को 28 अगस्त 2014 को लॉन्च किया गया था. पीएमजेडीवाई के अलावा कई और फाइनेंशियल इंक्लूजन योजनाओं में मुद्रा स्कीम और स्टैंडअप इंडिया स्कीम शामिल हैं.


प्राइवेट बैंकों को भी इस स्कीम में शामिल होने की जरूरत- फाइनेंस सर्विस सेक्रेटरी


20वें ग्लोबल इंक्लूसिव फाइनेंस समिट (वैश्विक समावेशी वित्त शिखर सम्मेलन) में फाइनेंस सर्विस सेक्रेटरी विवेक जोशी ने जन-धन बैंक खातों का जिक्र किया था. उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के बैंकों को सरकार के पीएमजेडीवाई और पब्लिक सेफ्टी जैसे फाइनेंशियल इंक्लूजन कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए. विवेक जोशी ने कहा कि जहां पब्लिक सेक्टर के बैंक एक्टिव रूप से भाग लेते हैं, वहीं मेनस्ट्रीम में शामिल प्राइवेट बैंक ऐसा नहीं करते हैं. लिहाजा उन्हें इसमें शामिल होने की जरूरत है. इससे देश के सभी लोगों को फाइनेंशियल इंक्लूजन के दायरे में लाने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने में मदद मिलेगी.


11 दिसंबर 2023 को संसद की जारी शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में वित्त मंत्रालय से ये सवाल किए गए थे-


(A) प्रधान मंत्री जन धन योजना (PMJDY) की शुरुआत के बाद से कितने साल बीत चुके हैं?


(B) सरकार ने इस योजना से अब तक क्या उपलब्धियां हासिल की हैं?


(C) देश में पीएम-जन धन योजना की मौजूदा स्थिति और इसे लागू करने के तरीके क्या हैं?


(D) इसके लागू करने के दौरान सरकार के सामने आने वाली चुनौतियों का ब्यौरा क्या है?


(E) क्या सरकार ने वह टार्गेट हासिल कर लिया है जिसके लिए PMJDY शुरू की गई थी और अगर हां तो उसकी डिटेल्स भी बताएं.


(F) जन-धन योजना के तहत महिलाओं ने कितने खाते खोले हैं और गांवों या सेमी अर्बन क्षेत्रों की स्थिति क्या रही है?


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