LIC Stock Price: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के शेयरधारकों के लिए मंगलवार का कारोबारी सत्र बेहद शुभ साबित हुआ है. 17 मई 2022 को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग के बाद 16 जनवरी 2024 को पहली बार एलआईसी का स्टॉक अपने लिस्टिंग प्राइस के ऊपर जाने पर सफल रहा है. इतना ही नहीं लिस्टिंग के बाद पहली एलआईसी का शेयर 900 रुपये के लेवल को भी छूने में कामयाब रहा. हालांकि कंपनी ने 949 रुपये के इश्यू प्राइस पर आईपीओ में पैसे जुटाये थे. 


मई 2022 को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग के बाद से लगातार एलआईसी के शेयर में गिरावट देखने को मिली थी. अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग का रिसर्च रिपोर्ट सामने आया है एलआईसी का स्टॉक अपने आईपीओ के इश्यू प्राइस से 44 फीसदी नीचे 530 रुपये के लेवल तक जा फिसला था. लेकिन निचले लेवल से एलआईसी के शेयर में जोरदार खरीदारी देखने को मिली और एलआईसी के स्टॉक में 70 फीसदी का उछाल आ गया और 900 रुपये पर शेयर जा पहुंचा है. 


एलआईसी के शेयर के चाल पर नजर डालें तो 6 महीने में स्टॉक में 44 फीसदी, एक महीने में 12 फीसदी का उछाल आ चुका है. एलआईसी के शेयर में अगस्त 2023 के बाद ज्यादा उछाल आया जब लोकसभा (Loksabha) में अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi) ने शेयर बाजार के निवेशकों को निवेश का गुरू मंत्र दिया है. पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा था कि जो लोग जिस सरकारी कंपनियों को कोसें आप उसमें दांव लगा दीजिए आपके निवेश पर जबरदस्त रिटर्न मिलेगा. तब पीएम मोदी ने कहा कि सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी के लिए क्या क्या नहीं कहा गया? आज एलआईसी लगातार मजबूत हो रही है. प्रधानमंत्री ने शेयर बाजार के निवेशकों से  कहा कि जिस भी सरकारी कंपनियों को विपक्ष कोसे आप उसके शेयर खरीद लिजिए आपके लिए अच्छा रहेगा. 


हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी समूह के स्टॉक्स में जब भारी गिरावट देखी जा रही थी तब अडानी समूह की कंपनियों में निवेश को लेकर एलआईसी की भारी आलोचना हो रही थी. अडानी समूह के शेयरों में एलआईसी के निवेश का वैल्यू 82000 करोड़ रुपये हुआ करता था जो घटकर करीब 31000 करोड़ रुपये पर आ गया था. लेकिन जीक्यूजी पार्टनर्स के अडानी समूह की कंपनियों में निवेश के बाद अडानी स्टॉक्स में तेजी लौटी जिसके बाद एलआईसी फिर से अपने निवेश पर मुनाफे में लौटी. 


ये भी पढ़ें 


Niti Aayog On MPI: 9 साल में बहुआयामी गरीबी के कम होने के नीति आयोग के दावे पर अर्थशास्त्रियों ने उठाये सवाल, पूछा - 'कहां से ला रहे डेटा'