देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार काफी प्रयास कर रही है. इसके लिए आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य तय किया गया है और विभिन्न सेक्टर्स के लिए पीएलआई योजनाएं शुरू की गई हैं. हालांकि पीएलआई योजना के तहत प्रोत्साहन की रफ्तार अब तक काफी धीमी है.


पिछले साल नवंबर तक का आंकड़ा


उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने इस बारे में बुधवार को आंकड़ों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पीएलआई स्कीम के तहत अब तक 1.03 लाख करोड़ रुपये के निवेश रजिस्टर किए गए हैं. इसका मतलब हुआ कि पीएलआई स्कीम के तहम अब तक 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश के प्रस्ताव सरकार को मिल चुके हैं. यह आंकड़ा नवंबर 2023 तक का है.


इतना है सरकार का टारगेट


वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से दिए जा रहे प्रोत्साहन की रफ्तार काफी धीमी है. आंकड़ों के अनुसार, सरकार की ओर से अब तक सिर्फ 4,415 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन ही डिस्बर्स किए गए हैं. चालू वित्त वर्ष में 11 हजार करोड़ रुपये के प्रोत्साहन देने का टारगेट सेट किया गया था. नवंबर के बाद चालू वित्त वर्ष में सिर्फ 4 महीने ही बच जाते हैं.


लक्ष्य को लेकर साफ नहीं स्थिति


हालांकि डीपीआईआईटी के अतिरिक्त सचिव ने इस बात को लेकर उम्मीद जाहिर की है कि चालू वित्त वर्ष के बचे महीनों में पीएलआई योजना के तहत डिस्बर्समेंट की रफ्तार तेज होगी. हालांकि उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए प्रोत्साहन का जो लक्ष्य रखा है, उसे हासिल कर पाना संभव होगा या नहीं.


इन्हें मिल रहा है बढ़िया रिस्पॉन्स


उन्होंने कहा कि 3-4 पीएलआई योजनाओं में हमें बढ़िया रिस्पॉन्स मिल रहा है. हमें उम्मीद है कि बाकी पीएलआई योजनाओं को भी अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा. अब तक जिन सेक्टर्स की पीएलआई योजनाओं को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है, उनमें लार्ज-स्केल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, फूड प्रोसेसिंग और टेलीकॉम एंड नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स आदि शामिल हैं.


कई योजनाओं में नहीं हो पाई है शुरुआत


सरकार ने कुल 14 पीएलआई योजनाएं शुरू की हैं. उनमें से कई योजनाओं में अभी प्रोत्साहन के डिस्बर्सल की शुरुआत नहीं हो पाई है. इसके बारे में डीपीआईआईटी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 3 से 4 योजनाओं में अभी डिस्बर्सल की शुरुआत नहीं हुई है. इसकी शुरुआत अगले वित्त वर्ष में होने की उम्मीद है. अभी 8 स्कीम में प्रोत्साहन का डिस्बर्सल हुआ है.


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