Petrol Diesel Consumption: अक्टूबर 2023 के 16 दिन बीत चुके हैं और देश में त्योहारी सीजन चल रहा है. नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही देश भर में सार्वजनिक कार्यक्रमों और खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ उमड़ी हुई है. हालांकि इस दौरान एक ऐसा आंकड़ा आया है जो आपको चौंका सकता है. त्योहारी सीजन की शुरुआत से पहले अक्टूबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल और डीजल की बिक्री में गिरावट आई है. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के शुरुआती आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.


अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में पेट्रोल-डीजल की खपत बढ़ने का अनुमान


पिछले साल दुर्गा पूजा/दशहरा के साथ-साथ दिवाली भी अक्टूबर में थी. इस साल अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में पेट्रोल-डीजल की खपत बढ़ने का अनुमान है. ऑयल सप्लायर्स ग्रुप ओपेक का मानना है कि तेज आर्थिक वृद्धि के कारण भारत की कच्चे तेल मांग में औसतन 2,20,000 बैरल प्रतिदिन की बढ़ोतरी होगी.


तीनों सरकारी फ्यूल रिटेलर्स की पेट्रोल बिक्री घटी


तीनों सरकारी फ्यूल रिटेल सेलर्स की पेट्रोल की बिक्री में सालाना आधार पर नौ फीसदी की गिरावट आई. दो महीने में पहली बार पेट्रोल की बिक्री गिरी है. वहीं डीजल की मांग भी 3.2 फीसदी घट गई. अक्टूबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार पर 12.9 लाख टन से घटकर 11.7 लाख टन रह गई. मासिक आधार पर बिक्री में नौ फीसदी की गिरावट आई.


डीजल की खपत में दिखी गिरावट


देश में सबसे अधिक इस्तेमाल वाले फ्यूल डीजल की खपत एक से 15 अक्टूबर के बीच 29.9 लाख टन रह गई है. अक्टूबर, 2022 के पहले पखवाड़े में यह 30.9 लाख टन थी. मासिक आधार पर इसमें 9.6 फीसदी की गिरावट आई. सितंबर के पहले पखवाड़े में यह 27.3 लाख टन थी.


जून के दूसरे पखवाड़े से डीजल की मांग घटने लगी 


अप्रैल और मई में डीजल की खपत क्रमशः 6.7 फीसदी और 9.3 फीसदी बढ़ी थी. इसकी वजह यह है कि उस समय खेती के लिए डीजल की मांग में उछाल आया था. इसके अलावा गर्मी से बचने के लिए वाहनों में एयर कंडीशनर का इस्तेमाल बढ़ा था. हालांकि, मानसून के आगमन के बाद जून के दूसरे पखवाड़े से डीजल की मांग घटने लगी थी. डीजल की बिक्री आमतौर पर मानसून के महीनों में गिर जाती है क्योंकि बारिश के कारण कृषि क्षेत्र की मांग घट जाती है.


पेट्रोल-डीजल की खपत के आंकड़े


अक्टूबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की खपत कोविड महामारी से प्रभावित अवधि यानी 1-15 अक्टूबर, 2021 की तुलना में 12 फीसदी अधिक रही है. वहीं महामारी-पूर्व की अवधि यानी अक्टूबर, 2019 की तुलना में यह 21.7 फीसदी अधिक रही है. डीजल की खपत एक से 15 अक्टूबर, 2021 की तुलना में 23.4 फीसदी और 1-15 अक्टूबर, 2019 की तुलना में 23.1 फीसदी अधिक रही है.


एटीएफ की मांग में तेजी दर्ज


हवाई यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इससे विमान फ्यूल यानी एटीएफ की मांग अक्टूबर के पहले पखवाड़े में सालाना आधार पर 5.7 फीसदी बढ़कर 2,92,500 टन पर पहुंच गई है. अक्टूबर, 2021 के पहले पखवाड़े की तुलना में यह 36.5 फीसदी अधिक रही है. कोविड-पूर्व की अवधि यानी अक्टूबर, 2019 की तुलना में यह 6.6 फीसदी कम रही है. एक से 15 सितंबर, 2023 की तुलना में जेट फ्यूल की बिक्री में दो फीसदी की गिरावट आई है. उस समय यह 3,00,900 टन रही थी.


एलपीजी का क्या है आंकड़ा


रसोई गैस या एलपीजी की बिक्री समीक्षाधीन अवधि में सालाना आधार पर 1.2 फीसदी बढ़कर 12.5 लाख टन पर पहुंच गई. अक्टूबर, 2021 के पहले पखवाड़े की तुलना में यह 10.6 फीसदी और कोविड-पूर्व की अक्टूबर, 2019 की समान अवधि की तुलना में यह 153 फीसदी अधिक है. मासिक आधार पर एलपीजी की मांग 7.5 फीसदी बढ़ी है. सितंबर के पहले पखवाड़े में एलपीजी की बिक्री 13.6 लाख टन रही थी.


ये भी पढ़ें


Stock Market Opening: बाजार की शानदार ओपनिंग, सेंसेक्स करीब 400 अंक ऊपर 66,558 पर खुला, 19850 के करीब निफ्टी