Term Insurance News Update: 2020 में कोरोना (Corona) के बाद पूरी दुनिया बदल गई है. इस महामारी ने बताया कि जिंदगी कितनी अनिश्चित है और इसलिए व्यक्ति को हमेशा अपने परिवार वालों की आर्थिक सुरक्षा का इंतजाम जीते जी ही कर लेना चाहिए. परिवार में मुखिया के जाने की कमी तो कभी पूरी नहीं हो पाती, लेकिन यदि उसके जाने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य बनी रहे तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता. यही वजह है कि 2020 के बाद टर्म इंश्योरेंस प्लान (Term Insurance Plan) बहुत चर्चा में है.


हमने खास आपके लिए देश के तमाम विशेषज्ञों से यह जानने की कोशिश की कि यदि पॉलिसी लैप्स हो जाए तो उसे रिवाइव करना फायदेमंद होगा या फिर एक नई पॉलिसी खरीद लेना बेहतर होगा. उन्होंने बताया कि दोनों अलग-अलग परिस्थितियों पर निर्भर करता है.


पॉलिसी लैप्स क्या होता है


किसी भी कारण से यदि आप अपने टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term Life Insurance) का प्रीमियम समय पर नहीं भर पाते हैं तो पॉलिसी लैप्स हो जाती है. लेकिन इसके लिए कुछ कंडीशन्स हैं, जिन्हें समझना जरूरी है. यदि आप ड्यू डेट यानि तय तारीख से पहले प्रीमियम नहीं भरते तो कंपनी की तरफ से 15-30 दिनों का ग्रेस पीरियड मिलता है. यदि उस ग्रेस पीरियड में भी प्रीमियम नहीं भरा जाता है तो पॉलिसी लैप्स हो जाती है.


ऐसे करें पॉलिसी को रिवाइव


यदि टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लैप्स हो जाती है तो आप 5 साल के भीतर (पहले न दिए प्रीमियम से शुरू होकर) रिवाइव करवा सकते हैं. इस लैप्स पॉलिसी को रिवाइव कराने के लिए आपको अभी तक न दिया गया पूरा प्रीमियम और उस पर लगने वाले ब्याज और टैक्स भी देना होगा. यदि पॉलिसी की टर्म्स एंड कंडीशन्स में है तो आपको पेनाल्टी और रिवाइवल चार्ज भी चुकाना ही पड़ेगा.


साथ ही अगर आपकी पॉलिसी को लैप्स हुए 6 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है तो आपको फिर से वो तमाम मेडिकल टेस्ट करवाने होंगे, जो पॉलिसी लेते समय करवाए गए थे. हालांकि कुछ स्कीम्स में, आपको इन चार्जेज पर कुछ डिस्काउंट भी मिल जाता है.


बाजार में उसी दौरान आप तमाम नए पॉलिसी प्लान को भी देख सकते हैं यदि आपको किसी दूसरी कंपनी का कोई प्लान पसंद आ रहा हो और कंपेयर करने के बाद वो आपको अपनी मौजूदा कंपनी की पॉलिसी से अच्छी डील पर मिल रहा हो तो क्या न उसे ही देखा जाए. ऐसे में दोनों की तुलना में जो भी आपको सस्ता पड़ रहा हो उसे लेना ही समझदारी कहा जाएगा. ये थे विशेषज्ञों के समाधान के विकल्प. इन विकल्पों में से जो आपके लिए फायदेमंद होगा उसका चुनाव खुद आपको ही करना पड़ेगा.


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