नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS के जो पुराने सब्सक्राइबर इससे तय समय से पहले निकल चुके हैं, वे इससे फिर जुड़ सकते हैं. पीएफआरडीए ने इसकी इजाजत दे दी है. मौजूदा नियमों के मुताबिक सब्सक्राइबर चाहे तो 60 साल की उम्र पूरी होने से पहले इससे निकल सकते हैं. एनपीएस में निवेश मैच्योर होने निवेशक को 80 फीसदी रेगुलर पेंशन में बदल जाता है, जबकि बाकी 20 फीसदी एकमुश्त निकाला जा सकता है. अब जिन लोगों ने 20 फीसदी रकम निकाल लिया था वो अगर दोबारा एनपीएस में जुड़ना चाहते हैं तो उन्हें यह रकम जमा करनी होगी. इसके अलावा वे रेगुलर पेंशन लेकर विदड्रॉल पेंशन प्रोसेस पूरा कर सकते हैं. इसके बाद वे नया एनपीएस अकाउंट खोल सकते हैं.


दो तरह के होते हैं एनपीएस अकाउंट


नेशनल पेंशन सिस्टम में दो तरह के खाते हैं. टियर-1 और टियर-2. टियर-1 अकाउंट पेंशन अकाउंट होता है. वहीं, टियर-2 अकाउंट  स्वैच्छिक सेविंग्स अकाउंट है. जिन एनपीएस सब्सक्राइबर का टियर-1 अकाउंट है, वे टियर-2 अकाउंट खोल सकते हैं. इसके लिए ऑफलाइन या एनपीएस पोर्टल का इस्तेमाल किया जा सकता है. रिटायरमेंट के लिए बचत करना चाहते हैं तो एनपीएस का लाभ ले सकते हैं.


18 से 65 साल की उम्र का कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है


 18 से 65 साल का कोई भी भारतीय नागरिक  NPS से जुड़ सकता है. NPS में जमा रकम को निवेश करने का जिम्मा पीएफआरडीए रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर को देते हैं.  ये आपके निवेश को इक्विटी, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज और नॉन गवर्नमेंट सिक्योरिटीज के अलावा फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं. एनपीएस अकांउट खुलवाना आसान है. PFRDA ने वन टाइम पासवर्ड (OTP) के जरिए एनपीएस अकाउंट खोलने की सुविधा शुरू की है.


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