नई दिल्लीः सरकार ने देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को भविष्य के लिये तैयार करने और देश को एक प्रमुख निर्यातक बनाने की एक ठोस रणनीति तैयार करने के लिये पांच कार्य बलों (टास्क फोर्स) का गठन किया है. एमएसएमई सचिव एके शर्मा ने विश्वास व्यक्त किया कि यह अगले साल की शुरुआत तक भविष्य की पहल को लागू करने की राह पर होगा.


शर्मा ने उद्योग व वाणिज्य संगठन फिक्की के की ओर से आयोजित एक वर्चुअल सत्र में कहा कहा, ‘‘हमने पांच प्रमुख कार्य बल का गठन किया है, जो हमारे प्रमुख अधिकारियों के नेतृत्व में होंगे. ये पांच कार्य बल ऐसे पांच प्रमुख क्षेत्रों में एक महीने के लिये काम करेंगे, जिनके बारे में हमें लगता है कि भारतीय उद्योग विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र को इन क्षेत्रों में आगे बढ़ना चाहिये.’’


उन्होंने कहा कि पहचाने गये पांच क्षेत्रों में से एक उद्योग 4.0 है, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता, 3 डी और आभासी स्तविकता (वर्चुअल रियलिटी) जैसे आयाम शामिल हैं. इस कार्य बल का गठन भारत को उद्योग 4.0 में वैश्विक अगुवा बनाने के उद्देश्य से किया गया है.


सचिव ने कहा, ‘‘इस मिशन और उद्देश्य के साथ कार्यबल एक महीने के लिये काम करेगा, दुनिया की सर्वोत्तम ट्रेडिशंस  को अपनाएगा, विशेषज्ञों से राय प्राप्त करेगा और एक महीने के भीतर ठोस रणनीति व कार्रवाई के बिंदुओं के साथ मंत्रालय के पास पहुंचेगा."


निर्यात पर फोकस
अन्य कार्य बलों पर विवरण साझा करते हुए उन्होंने कहा कि दूसरा क्षेत्र निर्यात संवर्धन और आयात में कमी है, जिसमें प्रमुख विनिर्माण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना और हमारे गुणवत्ता मानकों, डिजाइन व प्रौद्योगिकी तथा पैकेजिंग में सुधार करना शामिल है. अंतिम उद्देश्य यह देखना है कि भारत एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र और दुनिया में एक प्रमुख निर्यातक बन जाये.


तीसरा क्षेत्र यह है कि हमारी मौजूदा क्लस्टर योजनाओं को कैसे नियोजित किया जाये कि वे सूक्ष्म-स्तरीय उद्यमों के साथ-साथ अत्याधुनिक उद्यमों की सहायता कर सकें. सचिव ने कहा कि चौथा कार्य बल हमारे प्रौद्योगिकी केंद्रों को एकीकृत करने के तरीके पर ध्यान केंद्रित करेगा.


पांचवां कार्य बल जेडईडी (शून्य दोष और शून्य प्रभाव) और एलईएएन (विनिर्माण प्रतिस्पर्धा के लिये) जैसी विभिन्न आधुनिकीकरण योजनाओं, डिजाइन, बौद्धिक संपदा अधिकारों और विपणन योजना से संबंधित अन्य योजनाओं पर काम करेगा.


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