Nirmala Sitharaman Update: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत की तुलना भगवान हनुमान से की है.  उन्होंने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के पूछा कि वे मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में निवेश करने से क्यों झिझक रहे हैं और कौन सी चीजें हैं जो उन्हें रोक रही हैं? वित्त मंत्री ने कहा कि विदेशी निवेशक भारत को लेकर भरोसा जता रहे हैं जबकि ऐसा लगता है कि घरेलू निवेशकों में निवेश को लेकर कुछ झिझक है. उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक है और नीतिगत कदम उठाने को तैयार है. सीतारमण ने कहा, ‘‘यह समय भारत का है और हम इस अवसर को नहीं खो सकते. ’’


वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘क्या यह हनुमान की तरह है? आप अपनी क्षमता पर, अपनी ताकत पर भरोसा नहीं करते हैं और आपके बगल में कोई खड़ा होता है और कहता है कि आप हनुमान हैं, इसको कीजिए? वह व्यक्ति कौन है जो हनुमान को बताने वाला है? यह निश्चित रूप से सरकार नहीं हो सकती.’’


निर्मला सीतारमण ने माइंडमाइन शिखर सम्मेलन में कहा कि दूसरे देश और वहां के उद्योगों को भारत पर भरोसा है. यह एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) और एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश) प्रवाह और शेयर बाजार में निवेशकों के विश्वास से ये पता चलता है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उद्योग जगत से जानना चाहूंगी कि आखिर वे निवेश को लेकर झिझक क्यों रहे हैं. हम उद्योग को यहां लाने और निवेश को लेकर सब कुछ करेंगे. लेकिन मैं भारतीय उद्योग से सुनना चाहती हूं कि आपको क्या रोक रहा है?’’



उन्होंने कहा कि सरकार उत्पादन प्रोडक्शन लिंकड इंसेंटिव स्कीम लेकर आई है. विनिर्माण क्षेत्र में निवेश के लिये टैक्स रेट्स में कटौती की गई है. वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘कोई भी नीति अपने-आप में अंतिम नहीं हो सकती.. जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं यह विकसित होती रहती है. यह उन उद्योगों पर भी लागू होता है जो उभरते क्षेत्र से जुड़े हैं, जिनके लिए हमने प्रोत्साहन के माध्यम से नीतिगत समर्थन दिया है. ’’


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