National Pension System: केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई नेशनल पेंशन सिस्टम रिटायमेंट बेनेफिट प्रोवाइड करता है. रिटायरमेंट के बाद ये ​निवेशक को एक अच्छा अमाउंट देने के साथ ही मंथली ​पैसा भी देता है. हालांकि इसमें आपको कुछ साल पहले से ही निवेश करना होगा, जिसपर आपको ब्याज दिया जाएगा. यह एक लॉन्ग टर्म निवेश विकल्प है. 


एनपीएस स्कीम बुढ़ापे में पेंशन की कमी नहीं होने देता है. हालांकि इसके कुछ चार्जेज भी, जिसके बारे में आपको जान लेना चाहिए. आइए जानते हैं आपको एनपीएस सर्विस के लिए कौन कौन से चार्ज देने पड़ते हैं. 



  • पहली बार रजिस्ट्रेशन करने पर आपको 200 से लेकर 400 रुपये का चार्ज देना होगा.

  • शुरुआती योगदान और आखिरी योगदान के लिए कंट्रीब्यूशन का 0.50 फीसदी, न्यूनतम 30 रुपये और अधिकतम 25000 रुपये है

  • e-NPS लगातार योगदान के लिए कंट्रीब्यूशन का 0.20 फीसदी, कम से कम 15 रुपये और अधिकतम 10000 रुपये सभी एनपीएस अकाउंट के लिए लागू है.

  • सभी नॉना फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए 30 रुपये चार्ज है


पर्सिस्टेंसी फीस 


1000 रुपये से 2999 रुपये के बीच सालाना योगदान के लिए पर्सिस्टेंसी शुल्क 50 रुपये हर साल वसूला जाता है और कटौती का तरीका  इकाइयों को रद्द करने के माध्यम से होगी. 3000 रुपये से 6000 रुपये के बीच की राशि के लिए 75 रुपये और 6000 रुपये से अधिक के लिए 100 रुपये चार्ज किया जाएगा. विड्रॉल और निकलने के लिए प्रोसेसिंग फीस कुल कॉपर्स का 0.125 फीसदी या न्यूनतम 125 रुपये और अधिकतम 500 रुपये होंगे. 


कितने तरह के होते हैं एनपीएस अकाउंट 


टियर I और ​टियर II दो तरह के अकाउंट एनपीएस में होते हैं. टियर I एक व्यक्तिगत पेंशन अकाउंट है, जो एक डिफॉल्ट पेंशन अकाउंट है और इसपर टैक्स फ्री की सुविधा दी जाती है. वहीं टियर II एक वैकल्पिक निवेश अकाउंट है, जिसमें निवेश करने से पहले आपका टियर 1 अकाउंट होना चाहिए. टियर 2 पेंशन प्लान नहीं है. इमसें जितना चाहे पैसा निवेश कर सकते हैं. 


एनपीएस के तहत टैक्स नियम 


एनपीएस कंट्रीब्यूशन सेक्शन 80 CCD कटौती के तहत छूट देता है. वहीं 80CCD 1(B) के तहत 50 हजार रुपये कटौती की जा सकती है. ये कटौती एनपीएस टियर 1 अकाउंट के तहत की जा सकती है. 


ये भी पढ़ें


FPIs Invest: अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने की रिकॉर्ड शेयरों की खरीदारी, 11,631 करोड़ का किया निवेश