MRF Business: भारत के शेयर बाजार में एक शेयर ऐसा भी है जिसको पास रखने का ख्वाब लगभग हर निवेशक के मन में होता है. ये एक ऐसी कंपनी का शेयर है जो लगातार नई उपलब्धियां अपने नाम करता रहती है. कई तरह के बिजनेस में दबदबा रखने वाली इस कंपनी का नाम एमआरएफ है और ये भारत में टायरों की सबसे बड़ी निर्माता है. ये देश का पहला लखटकिया शेयर है और अपने पीक टाइम में तो ये 1.5 लाख रुपये के भाव को भी पार कर चुकी है. पहले इसे मद्रास रबर फैक्ट्री कहा जाता था और एमआरएफ शब्द कंपनी के शुरुआती दिनों से आया है. 


कितने पर है कंपनी का शेयर


एमआरएफ का शेयर आज तेजी पर है और 371.40 रुपये या 0.30 फीसदी की तेजी के साथ 1,24,885.90 रुपये प्रति शेयर पर है. इस शेयर का ऑलटाइम हाई 1,51,445 रुपये है यानी ये डेढ़ लाख रुपये से भी ज्यादा महंगा शेयर बनने वाला पहला इंडियन स्टॉक है.


जानिए इस कंपनी का शानदार सफर


एमआरएफ या एमआरएफ टायर्स एक इंडियन मल्टीनेशनल टायर मैन्यूफैक्चर्रर कंपनी है और इसका हेडक्वार्टर तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में है. ये कंपनी टायर, ट्रेड, ट्यूब के अलावा कन्वेयर बेल्ट, पेंट और खिलौने सहित रबर प्रोडक्ट्स भी बनाती है. 


कैसे हुई एमआरएफ के कारोबार की शुरुआत


एमआरएफ की स्थानपना पहले रबर कंपनी के तौर पर हुई जिसका बाद में एक्सपेंशन हुआ है. एमआरएफ की शुरुआत तिरुवोट्टियूर मद्रास (अब चेन्नई) में एक खिलौना बैलून मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट के रूप में हुई थी और केएम माम्मेन मपिल्लई ने 1946 में इसको शुरू किया. इसके बाद 1952 में कंपनी ने ट्रेड रबर का निर्माण करना शुरू किया था. नवंबर 1960 में एक प्राइवेट कंपनी के रूप में मद्रास रबर फैक्ट्री लिमिटेड को शामिल किया गया था. इसके बाद अमेरिका में ओहियो के मेन्सफील्ड टायर एंड रबर कंपनी के साथ साझेदारी में टायर के निर्माण में जॉइंट वेंचर किया गया था. 1 अप्रैल 1961 को कंपनी पब्लिक लिमिटेड हुई. इसी साल यानी 1961 में MRF प्लांट से तत्कालीन तमिलनाडु सीएम ने पहले टायर को निकाला था. एमआरएफ कुछ सालों में ही 1967 में यूएसए यानी अमेरिका को टायर एक्सपोर्ट करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई थी. 


दुनिया की दूसरी सबसे मजबूत टायर मैन्यूफैक्चर्रर है एमआरएफ


एमआरएफ ने पहली बार नायलॉन टायर का निर्माण 1973 में शुरू किया. कंपनी ने 1978 में बीएफ गुडरिच के साथ एक टेक्निकल कोलाब्रेशन के साथ एंट्री की. जब साल 1973 में मैन्सफील्ड टायर एंड रबर कंपनी ने 1979 में अपना स्टेक बेच दिया तब कंपनी का नाम बदलकर एमआरएफ लिमिटेड हो गया. एमआरएफ लिमिटेड AAA− ब्रांड ग्रेड के साथ दुनिया की दूसरी सबसे मजबूत टायर मैन्यूफैक्चर्रर के तौर पर जानी जाती है.


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