MONSOON: जून में अच्छी शुरुआत के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून अब कमजोर पड़ गया है. इससे उत्तर , मध्य भारत और महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में कम बारिश हुई है. इससे इन इलाकों के राज्यों में प्रमुख फसलों की पैदावार में कमी की आशंका व्यक्त की जा रही है. अगर अगले एक सप्ताह में बारिश नहीं हुई तो फसलों को नुकसान हो सकता है. जून में अच्छी बारिश होने की वजह किसानों ने तेजी से बुवाई की थी. पिछले साल की तुलना में इस बार किसानों का रकबा काफी ज्यादा थी. लेकिन तिलहन, दलहन, कपास और मोटे अनाज की खेती करने वालों में बारिश में कमी से चिंता पैदा हो गई है.


यूपी, एमपी और राजस्थान में फसलों पर असर 

ऑल इंडिया दाल मिलर्स एसोसिएशन के मुताबिक राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में जुलाई के महीने में पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. इससे दलहन और तिलहन की खेती प्रभावित हो सकती है. जुलाई में अच्छी बारिश फसलों के लिए काफी अहम है. इस महीने सामान्य से नौ फीसदी कम बारिश हुई है. उत्तर, मध्य औैर पश्चिम भारत में कई इलाकों में 20 से 27 फीसदी बारिश कम हुई है. अगर अगले दस दिनों में बारिश हुई तो स्थिति दोबारा सामान्य हो सकती है.

दाल उत्पादक राज्यों का संकट बढ़ा 

कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में फसल के रकबे में इजाफा हुआ है और बारिश भी ठीक-ठाक हुई है. इससे दाल उत्पादक राज्यों में पैदावार में आने वाली कमी की भरपाई हो सकती है. हालांकि अच्छी खबर यह है कि अगले दो महीनों में सामान्य या इससे ज्यादा बारिश हो सकती है. इससे पिछले दिनों बारिश में कमी काफी हद तक पूरी हो जाएगी. भारतीय मौसम विभाग के डेटा के मुताबिक दाल उत्पादक राज्यों में से एक राजस्थान के 33 जिलों में से 26 में कम बारिश हुई है. उत्तर प्रदेश के 75 में 32, गुजरात के 33 में से 19 और मध्य प्रदेश के 51 जिलों में से 17 में कम बारिश हुई है. इसका दलहन, तिलहन और मोटे अनाजों की खेती पर नकारात्मक असर पड़ सकता है.


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