कोविड-19 ने अमेरिकी इकनॉमी को बहुत बड़ा झटका दिया है. अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 1929 की महामंदी के बाद पहली बार इतना बड़ा झटका लगा है. पिछली तिमाही ( अप्रैल-जून) में अमेरिका की जीडीपी 32.9 फीसदी गिर गई. 1947 के बाद उत्पादन में इतनी बड़ी गिरावट नहीं आई थी. अमेरिकी अर्थव्यवस्था पिछली तिमाही में 5 फीसदी घट गई. फरवरी में ही यह मंदी में फंस गई थी.इस दौरान कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण अमेरिका में कंपनियों के कामकाज पर बहुत ज्यादा असर पड़ा है. बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां गई हैं. बेरोजगारी दर 14.7 फीसदी तक पहुंच गई है. आइजनहावर प्रशासन के दौरान 1958 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में दस फीसदी की गिरावट आई थी.


1947 के बाद जीडीपी में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट


अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक देश में दूसरी तिमाही की दौरान, जीडीपी में जो गिरावट आई है वह 1947 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है. इसी दौरान अर्थव्यवस्था ने कोविड-19 संकट के कारण आधिकारिक रूप से मंदी में प्रवेश किया. इसके साथ अमेरिका की 11 साल से जारी आर्थिक वृद्धि पर विराम लग गया.


पिछली तिमाही में गिरावट का मुख्य कारण उपभोक्ता खर्च में कमी को बताया गया है.  अमेरिकी आर्थिक गतिविधियों में इसका 70 फीसदी योगदान है. ग्राहकों का खर्च सालाना आधार पर 34 फीसदी गिरा है. लॉकडाउन के कारण रेस्तरां, बार, एंटरटेनमेंट प्लेस और दूसरे रिटेल मार्केट प्लेस बंद हैं. इस वजह से भी बिक्री में भारी गिरावट आई है. आंकड़ों के मुताबिक बिजनेस इनवेस्टमेंट घटा है और मकानों की बिक्री बिल्कुल कम हो गई है.  अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार रोजगार मार्केट पर काफी बुरा असर पड़ा है. लगातार 18वें महीने छंटनी के शिकार दस लाख से अधिक लोगों ने बेरोजगार बेनिफिट के लिए आवेदन दिया है. अब तक करीब एक तिहाई नौकरियां फिर से पैदा की गई हैं लेकिन संक्रमण के बढ़ते मामले से रोजगार बाजार पर आगे असर पड़ सकता है.अमेरिकी अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगर ट्रंप प्रशासन ने 3 ट्रिलियन डॉलर का ऐतिहासिक पैकेज नहीं दिया होता तो हालात और खराब हो सकते थे.