PPF Investment: पीपीएफ में लोगों के बढ़ रहे रुझान की सबसे बड़ी वजह गवर्नमेंट बैकिंग होने के चलते इसका रिस्क फ्री होना है. इसमें जमा होने वाली अधिकतम सालाना डेढ़ लाख की नगदी तो टैक्स फ्री होती ही है, मेच्योरिटी के समय या पहले भी सिचुएशनल विड्रॉल के वक्त मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता. 15 साल का लॉकिंग पीरियड, एफडी से अधिक रिटर्न और टैक्स में छूट के चलते इसकी डिमांड बढ़ गई है.


किसके लिए फायदेमंद 
हर भारतीय के लिए पीपीएफ अकाउंट खोलना फायदेमंद है. यह सिर्फ एक बार ही खुल सकता है, किसी नाबालिग के लिए भी खोलना है तो खाता अभिभावक ही ऑपरेट कर पाएगा. इसे अब एनआरआई अब नहीं खोल पाएंगे, लेकिन पहले से खुलवा रखा है तो 15 साल तक ऑपरेट करने में कोई दिक्कत नहीं है. 


कहां और कैसे करें शुरुआत
पीपीएफ अकाउंट देश के किसी भी पॉपुलर सरकारी या निजी बैंक में शुरू किया जा सकता है. इसके अलावा पोस्ट ऑफिस में भी इसके खाते खुलते हैं. इसमें हर साल कम से कम 500 रुपये और अधिकतम डेढ़ लाख जमा कराए जा सकते हैं. जो कम से कम एक और अधिकतम 12 किस्तों में डाली जा सकती है. पैसा कैश, चेक, डीडी या फिर ऑनलाइन माध्यम से भी ट्रांसफर किया जा सकता है. खाता खोलने के लिए फॉर्म-1, दो फोटो, पैन कार्ड, आईडी और एड्रेस प्रूफ की जरूरत होती है.पहले से बैंक में अकाउंट है तो वहां ऑनलाइन ऑपरेशन में ऑप्शन मिल जाएगा. यह अकाउंट बैंक से बैंक, ब्रांच और डाकघर में भी ट्रांसफर कर सकते हैं.


कितना समय देना होगा
पीपीएफ अकाउंट के लिए कम से कम 15 साल लॉकिंग पीरियड है, यानी इसे खोलने के बाद आप 15 याल से पहले पैसा कुछ इमरजेंसी सिचुएशन छोड़कर नहीं निकाल सकते. इसकी मेच्योरिटी 15 फुल वित्तीव वर्ष होते हैं, अगर आज जुलाई में खाता शुरू करते हैं तो आपका वित्तीय वर्ष अगले साल अप्रैल से माना जाएगा, हालांकि खाते की रकम पर ब्याज का लाभ जुलाई से ही मिलने लगेगा. 15 साल पूरे होने पर इस खाते को पांच-पांच साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है. 


कितना रिटर्न 
पीपीएफ अकाउंट पर औसत ब्याज वर्तमान में करीब आठ प्रतिशत है, ये घटता-बढ़ता रहता है, जिसे हर तिमाही केंद्र सरकार तय करती है. बीते दो सालों में इसका रिटर्न साढ़े सात से नौ प्रतिशत रहा है, यह मंथली कम्पाउडिंग होने के चलते महीने की पांच तारीख से अंतिम दिन तक खाते की न्यूनतम रकम पर ब्याज मिलता है. 


इस तरह होगी निकासी 
प्री मेच्योर विड्रॉल पर आप दो तरीके से पैसा निकाल सकते हैं. पहला तीसरे से छह वित्तीय वर्ष तक आप लोन ले सकते है, जिसमें खाते पर मिल रहे ब्याज से दो प्रतिशत अधिक इंट्रेस्ट चुकाना होगा. अगर सात से 15वें साल के बीच लोन चाहिए तो आंशिक निकासी का विकल्प भी मिल जाता है. 


कुछ कमियां भी 
- इस खाते की बड़ी बंदिश है कि आप इसे किसी लोन या लायबिलिट के अंगेस्ट नहीं यूज कर सकते. यहां तक कि दिवालिया होने पर ही रकम नहीं निकाली जा सकती है.


- प्री मेच्योर विड्रॉल कम से कम पांच साल बाद होगा वो भी परिजन की सीरियस बीमारी के लिए पूरे दस्तोवज लगाने के बाद. खाता धारक खुद हायर एजुकेशन के लिए इसे बंद कर सकता है, लेकिन ऐसा करने के लिए उसे ब्याज दर पर एक परसेंज की पेनाल्टी भरनी होगी.


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