LIC Disinvestment Plan in IDBI Bank: आईडीबीआई बैंक की प्रमोटर भारतीय जीवन बीमा निगम ने बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने को लेकर बड़ा बयान दिया है. बीमा कंपनी ने कहा है कि बैंक-बीमा कारोबार का फायदा उठाने के लिए आईडीबीआई बैंक में एलआईसी अपनी कुछ हिस्सेदारी को बनाए रखना चाहती है. एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने पीटीआई से बात करते हुए बताया कि एलआईसी फिलहाल अपनी पूरी हिस्सेदारी नहीं बेचना चाहती है.


बैंक-बीमा कारोबार के लिए IDBI बैंक है जरूरी-


एलआईसी के चेयरमैन ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम के बैंक-बीमा बिजनेस का महत्वपूर्ण पार्टनर आईडीबीआई बैंक है. ऐसे में एलआईसी भविष्य में भी अपनी कुछ हिस्सेदारी बैंक में बनाए रखना चाहती है ताकि बैंक उसके बैंक-बीमा बिजनेस का एक जरूरी हिस्सा बना रहें.


क्या होता है बैंक-बीमा बिजनेस?


गौरतलब है कि बैंक-बीमा कारोबार के जरिए बीमा के प्रोडक्ट्स को बैंकों के जरिए बेचा जाता है. ऐसे में एलआईसी के उत्पादों को बचने में आईडीबीआई बैंक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ध्यान देने वाली बात ये है कि सरकार लंबे वक्त से एलआईसी के साथ मिलकर आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है. इस बैंक में सरकार की 45 फीसदी और एलआईसी की हिस्सेदारी 49.24 फीसदी है. सरकार विनिवेश प्लान के तहत एलआईसी और अपनी हिस्सेदारी का 60.70 फीसदी बेचना चाहती है.


कब तक पूरी होगी विनिवेश की प्रक्रिया?


विनिवेश की प्रक्रिया पर बड़ी जानकारी देते हुए DIPAM यानी डिपॉर्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मोनेटाइजेशन के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा था कि आईडीबीआई बैंक में सरकार और एलआईसी की विनिवेश की प्रक्रिया मार्च 2024 तक पूरी हो सकती है. साल 2019 में एलआईसी आईडीबीआई बैंक की सब्सिडियरी बनी थी, मगर 2020 में एलआईसी की हिस्सेदारी 49.24 होने के बाद यह बैंक की सहायक कंपनी बन गई थी. 


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