वित्तीय संकट से जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक पर मंगलवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से मोरेटोरियम लागू करने के बाद खाता धारकों में कई तरह की आशंकाएं हैं. इस बीच, लक्ष्मी विलास बैंक ने बुधवार को सभी खाताधारकों से कहा कि उनके पैसे पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उन्हें इसको लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.


लक्ष्मी विलास बैंक ने कहा, 2019-20 के दौरान बैंक को 830 करोड़ रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ा है. बैंक मुश्किल दौर से गुजर रहा है. लेकिन, चिंता की कोई बात नहीं है. यह जमाकर्ताओं के लिए अच्छे के मद्देनजर है. इसलिए यह संकट कम समय के लिए है.


लक्ष्मी विलास बैंक ने आगे कहा-  “20 नवंबर की शाम 5 बजे तक जरूरत के सभी कागजात जमा कर दिए जाएंगे. इसके बाद आरबीआई का अंतिम निर्णय होगा. सभी शेयधारक सुरक्षित हैं. जमाकर्ताओं से अनुरोध है कि वे चिंता न करें. ”


बैंक ने आगे कहा- मोरेटोरियम की अवधि सिर्फ एक महीने के लिए है. अपवाद की स्थिति में या फिर आपातकालीन समय में वे 5 लाख या इससे ज्यादा भी निकाल सकते हैं. सभी औपचारिकताएं और प्रक्रियाओं का ध्यान रखा जाएगा. देशभर की 653 ब्रांच को चिंता की जरूरत नहीं है. लक्ष्मी विलास बैंक के सभी कर्मचारियों को बिना चिंता के काम करते रहना चाहिए. बैंक देश के कानून का पालन करेगा.


गौरतलब है कि लक्ष्मी विलास बैंक को सरकार ने मोरेटोरियम में डालते हुए 25 हजार रुपये की निकासी तय करने समेत उस पर 16 दिसंबर तक के लिए कई तरह की पाबंदिया लगा दी हैं. रिजर्व बैंक ने लगातार वित्तीय गिरावट को देखते हुए मंगलवार को लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया. बैंक के बढ़ते एनपीए और इसे चलाने में आ रही कठिनाइयों के बीच केन्द्र सरकार ने सिंगापुर की सबसे बड़े ऋणदाता डीबीएस बैंक के लोकल यूनिट डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (डीबीआईएल) के साथ विलय करने को कहा है. ऐसा पहली बार है जब किसी भारतीय बैंक को सुरक्षित रखने के लिए उसके विदेश प्रतिद्वंद्वी बैंक को चुना है.


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