IPO Mop up Plunges : भारत में वित्तवर्ष 2022-23 की पहली छमाही आईपीओ के लिहाज से काफी अच्छी नहीं रही है. आपको बता दे कि भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के सपोर्ट के बाबजूद वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही (H1FY23) में 14 कंपनियों से लाए गए इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) से 35,456 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो पिछले साल 2021 की समान अवधि की तुलना में 32 प्रतिशत कम रहा है.


क्या है रिपोर्ट 
प्राइम डेटाबेस की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, H1FY23 में कुल 14 कंपनियां अपना आईपीओ लेकर आईं जिनके जरिये 35,456 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई. एक साल पहले की समान अवधि में कुल 25 आईपीओ के माध्यम से 51,979 करोड़ रुपये जुटाए गए थे. 


71 आईपीओ को मिली मंजूरी 
रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आईपीओ गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है. बाजार नियामक सेबी (SEBI) की तरफ से 71 आईपीओ प्रस्तावों को मंजूरी मिल चुकी है जिनके जरिये 1,05,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है. इनके अलावा 70,000 करोड़ रुपये मूल्य के 43 अन्य प्रस्ताव अभी सेबी के विचाराधीन हैं. इस तरह कुल 114 आईपीओ लाने की तैयारियां चल रही हैं जिनमें से 10 निर्गम नए दौर की प्रौद्योगिकी कंपनियों के हैं. इन प्रौद्योगिकी कंपनियों ने करीब 35,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.


LIC ने जुटाए 20,557 करोड़ रु
प्राइम डेटाबेस की रिपोर्ट का कहना है कि पहली छमाही में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आईपीओ मार्केट को संभाल लिया. इस IPO ने अकेले ही 20,557 करोड़ रुपये जुटाए थे. देश में अब तक के सबसे बड़े आईपीओ एलआईसी (IPO-LIC) की अप्रैल-सितंबर 2022 की छमाही में आईपीओ से जुटाई कुल राशि में हिस्सेदारी 58 प्रतिशत रही है.


प्राइम डेटाबेस ने क्या कहा 
प्राइम डेटाबेस समूह के प्रबंध निदेशक (Managing Director of Prime Database Group) प्रणव हल्दिया का कहना है कि पहली छमाही में IPO से जुटाई कुल राशि सिर्फ 41,919 करोड़ रुपये रही है जो कि 1 साल पहले की समान अवधि के 92,191 करोड़ रुपये की तुलना में 55 प्रतिशत कम है. उन्होंने कहा कि अप्रैल-सितंबर 2022 के दौरान एलआईसी के अलावा डेल्हीवरी और रेनबो चिल्ड्रंस के आईपीओ को भी निवेशकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. डेल्हीवरी के निर्गम से 5,235 करोड़ रुपये और रेनबो चिल्ड्रंस के निर्गम से 1,581 करोड़ रुपये जुटाए थे.


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