Inflation Pressure in FMCG: रोजमर्रा के प्रोडक्ट बनाने वाली एफएमसीजी कंपनी (FMCG Company) के लिए दूसरी तिमाही में भी संकट की स्थिति रह सकती है. बता दें एफएमसीजी उद्योग के लिए कच्चे माल की आपूर्ति पर मुद्रास्फीति का दबाव कम होने के बावजूद विनिर्माताओं को यह आशंका सता रही है कि मौजूदा तिमाही में कीमत और मार्जिन पर इसका असर बना रहेगा.


किन कंपनियों पर दिखेगा असर?
अप्रैल-जून की बीती तिमाही में लिस्टेड एफएमसीजी कंपनियों, एचयूएल (HUL), आईटीसी (ITC), गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट, नेस्ले, डाबर और ब्रिटानिया ने मिले-जुले नतीजे दिए, जिससे उनके मार्जिन पर असर पड़ा और कुछ श्रेणियों में मात्रा में गिरावट भी आई.


ग्रामीण क्षेत्र की मांग में आ सकती है गिरावट
एफएमसीजी कंपनियों को ग्रामीण क्षेत्र में भी मात्रा में गिरावट जारी रहने की आशंका है. हालांकि, चालू वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही से व्यापार में कुछ स्थिरिता आने और मांग में सुधार आने का अनुमान है.


बीती तिमाही में भी कीमतों में हुई बढ़ोतरी
ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों ने बीती तिमाही में कीमतों में बढ़ोतरी की है, लेकिन वह भी मुद्रास्फीति को बेअसर नहीं कर पा रही है. हालांकि, जुलाई-सितंबर की मौजूदा तिमाही में इसे काफी हद तक कवर कर लिया जाएगा.


जानें क्या बोले कंपनी के CEO?
ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक वरुण बेरी ने हाल में कहा कि इस तिमाही के दौरान जरूरी मूल्य वृद्धि नहीं की जा सकी है. इसे दूसरी तिमाही में अंजाम दिया जाएगा. वहीं, मुद्रास्फीति के बारे में पूछे जाने पर डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) मोहित मल्होत्रा ​​ने हाल ही में कहा कि दूसरी तिमाही में भी मुद्रास्फीति कम नहीं होगी और मार्जिन में कमी देखने को मिलेगी.


गोदरेज का शुद्ध लाभ घटा
गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ सुधीर सीतापति ने कहा है कि मुद्रास्फीति के दबाव में कमी के साथ दूसरी छमाही से तेज मार्जिन वसूली की उम्मीद है. गोदरेज समूह की एफएमसीजी इकाई का पहली तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 16.56 फीसदी गिर गया.


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