कोरोनावायरस संक्रमण को काबू करने के लिए लगे लॉकडाउन ने कोर सेक्टर को बुरी तरह प्रभावित किया है. कोर सेक्टर के प्रदर्शन में लगातार तीसरे महीने गिरावट दर्ज की गई है. मई में कोर सेक्टर के उत्पादन में 23.4 फीसदी की गिरावट आई है.


स्टील और सीमेंट उद्योग में सबसे ज्यादा गिरावट  


कोयला, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस, सीमेंट, बिजली, रिफाइनरी प्रोडक्ट, फर्टिलाइजर और स्टील कोर सेक्टर के तहत आते हैं और यह हर महीने के औद्योगिक उत्पादन का प्रमुख इंडिकेटर है. लेकिन मई में फर्टिलाइजर को छोड़ कर इन सभी प्रमुख सेक्टरों के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई. सबसे ज्यादा गिरावट स्टील सेक्टर के उत्पादन में आई. मई में स्टील सेक्टर का आउटपुट 48.4 फीसदी गिर गया.


सीमेंट सेक्टर के उत्पादन में 22.2 फीसदी की गिरावट आई. रिफाइनरी प्रोडक्ट में 21.3 और प्राकृतिक गैस उत्पादन में 16.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. औद्योगिक उत्पादन इंडेक्स में 20 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले बिजली सेक्टर के उत्पादन में 15.6 फीसदी की गिरावट आई, जबकि कोयला सेक्टर का उत्पादन 10 फीसदी तक गिर गया. मई में सिर्फ फर्टिलाइजर सेक्टर के उत्पादन में बढ़ोतरी दर्ज की गई. इस दौरान इसका उत्पादन 7.5 फीसदी बढ़ा.


सरकार के पास खर्च करने के लिए पैसा नहीं


मई, 2019 में कोर सेक्टर के उत्पादन में 3.8 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई थी. वित्त वर्ष 2019-20 में इस सेक्टर के उत्पादन में सिर्फ 0.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी, जो आठ साल का न्यूनतम स्तर था. लॉकडाउन में छूट के मद्देनजर जून महीने में कोर सेक्टर का प्रोडक्शन बढ़ सकता है लेकिन राजकोषीय दबाव की वजह से खर्च करने के लिए सरकार के पास संसाधन की कमी होगी. इस वजह से सरकार के पूंजीगत खर्चों में गिरावट आ सकती है. इसका असर सीमेंट और स्टील सेक्टर पर पड़ सकता है. हालांकि सीमेंट और स्टील के उत्पादन में गिरावट की रफ्तार घटी है. ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की वजह से इनके उत्पादन में गिरावट की रफ्तार कम हुई है.